प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न 

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हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है.

प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ की आराधना करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. धन, सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से मनचाहा वर मिलता है.

जून माह का प्रदोष व्रत 8 जून 2025 को रखा जाएगा. इस दिन महाकाल की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 18 मिनट से रात 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. 

प्रदोष व्रत के दिन अहले सुबह जगकर स्नानादि के बाद साफ और स्वच्छ कपड़े पहनें. इसके मंदिर या घर के पूजा स्थान की साफ-सफाई करें.

प्रदोष व्रत के दिन पूजा स्थान पर एक चौकी रखें. चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं. इस चौकी पर भोलेनाथ की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें.

प्रदोष व्रत के दिन शुद्ध जल, दूध, शहद, घी और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करें.

प्रदोष व्रत के दिन शिवजी को धूप-दीप, नैवेद्य और बेल पत्र अर्पित करें. प्रदेष व्रत के दिन भगवान शंकर को सफेद वस्तु का भोग लगाएं.

प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ के आगे शुद्ध घी से दीपक जलाएं और उनके मंत्रों का जप करें. शिव मंत्र 'ओम नमः शिवाय' का जाप करें. शिव चालीसा पढ़ें, प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें.

प्रदोष व्रत के दिन रात्रि के समय भी शिवजी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र जप करें. रात्रि के समय आठ दिशाओं में आठ दीपक जलाएं.