(Photos Credit: Getty)
भगवान शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवता हैं. उनके कई अवतारों का उल्लेख पुराणों और शास्त्रों में मिलता है.
सवाल ये है कि भगवान शिव का पहला अवतार कौन था? आइए इस बारे में जानते हैं.
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव का पहला अवतार सदाशिव माना जाता है. सदाशिव को सृष्टि का आदि रूप कहा गया है. यह अवतार अनादि और अनंत है.
सदाशिव का रूप ध्यान और योग से जुड़ा है. उनके पांच मुख और दस हाथ बताए गए हैं. हर मुख से वे अलग-अलग शक्तियों का आशीर्वाद देते हैं.
सदाशिव का रूप निर्गुण और सगुण दोनों ही माना जाता है. वे सृष्टि, पालन और संहार के स्वामी हैं. उनसे ही आगे के अवतार प्रकट हुए.
सदाशिव को ‘महादेव’ का मूल स्वरूप कहा जाता है. उनके बिना सृष्टि की कल्पना भी अधूरी है. इसलिए उन्हें प्रथम अवतार के रूप में पूजा जाता है.
सदाशिव का वर्णन लिंग पुराण और शिव पुराण में मिलता है. इन ग्रंथों में उन्हें भगवान शिव का सर्वोच्च रूप बताया गया है. वहीं से उनके दूसरे अवतार हुए.
भगवान शिव के अन्य प्रसिद्ध अवतारों में वीरभद्र, भैरव और हनुमान शामिल हैं लेकिन सबसे पहले सदाशिव का अवतार हुआ. यही वजह है कि उन्हें आदिदेव कहा जाता है.
भक्तों का मानना है कि सदाशिव की आराधना से मोक्ष मिलता है. उनकी भक्ति से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं. यह रूप शांति और शक्ति का प्रतीक है.
भगवान शिव का पहला अवतार सदाशिव है. यह अवतार आदि, अनंत और सर्वोच्च माना गया है. आज भी सदाशिव की पूजा विशेष महत्व रखती है.
नोट- यहां बताई गईं सभी जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.