रिश्तों में इमोशन की जगह नहीं बची?

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आज के सोशल मीडिया के दौर में हुकअप और ब्रेकअप आम हो गया है. इसमें डेडीकेशन की कमी होने लगी है.

एक वक्त ऐसा भी था कि प्रेम का इजहार करने में सालों लग जाते थे. रिश्तों को तोड़ना सोचना भी पाप माना जाता था.

लेकिन आज के समय में कब हुकअप हो जाए और कब ब्रेकअप हो जाए, कहा नहीं जा सकता. अब ये धीरे-धीरे कल्चर बनता जा रहा है.

चलिए ये समझने की कोशिश करते हैं कि आखिरी ब्रेकअप और हुकअप को लेकर आज का युवा इतना उतावला क्यों रहता है और इसका क्या कारण हो सकता है.

आज के वक्त में लोग इमोशनल सपोर्ट चाहते हैं, लेकिन वो बिना रिश्ते में बंध ऐसा चाहते हैं. उनको जैसे ही लगता है कि पार्टनर कमिटमेंट चाहता है तो ब्रेकअप हो जाता है.

कई बार लोग लंबे समय तक साथ रहते हैं, फिर शिकायत करने लगते हैं कि उनका पार्टनर उन्हें समझ नहीं रहा है और नए पार्टनर की तलाश करने लगते हैं.

आजकल जो कॉमन समस्या है, वो पार्टनर के टाइम नहीं देने की है. इसके कारण लोग डेटिंग ऐप का सहारा लेते हैं और अपने पार्टनर से दूर होते चले जाते हैं.

लोगों को कोई अट्रैक्टिव मिलता है तो उसके साथ हो जाते हैं और पुराने रिश्ते से ब्रेकअप कर लेते है. आज की युवा पीढ़ी इसे सही भी मानने लगी है.

हुकअप केवल शारीरिक सपोर्ट तक सीमित रहता है, जिसके कारण मन का जुड़ाव नहीं हो पाता और जल्द ब्रेकअप हो जाता है. लोग फिर से नए पार्टनर की तलाश में निकल जाते हैं.