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माता पिता के ग्रह संतान से सीधे जुड़े हुए होते हैं. साथ ही माता पिता की भावना भी संतान से जुड़ी हुई होती है. ऐसे में अगर माता पिता संतान के लिए उपाय करें तो इससे संतान को तुरंत लाभ मिलता है.
नर्सरी से 5वीं के बच्चे हैं तो उसे नित्य प्रातः तुलसी के दो पत्ते खिलाएं. नित्य प्रातः अथवा सायंकाल बच्चों के साथ बैठकर २७ बार अथवा 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें.
6 से 10 की कक्षा के बच्चों को फास्ट फूड खाने से बचाएं. किसी भी प्रकार से सूर्य को जल अर्पित कराएं. हर शनिवार को सुन्दरकाण्ड का पाठ करें.
जो बच्चे कॉलेज में पढ़ते हैं उसे सूर्य को जल अर्पित करें. बच्चों के हाथ से हर शनिवार को अन्न का दान कराएं. "ॐ नमः शिवाय" का १०८ बार रोज प्रातः जाप करें.
जो बच्चा इंजीनियरिंग कर रहा है उसे एक लोहे का छल्ला धारण कराएं. शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का नित्य सायं १०८ बार जाप करें.
जो बच्चे मेडिकल की तैयारी करते हैं उसे चांदी का छल्ला धारण कराएं. शुक्ल पक्ष के सोमवार को चन्द्रमा को अर्घ्य दें. "ॐ चन्द्रशेखराय नमः" का जाप करें.
जो बच्चे प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहे हैं उसे स्वर्ण अथवा तांबे का छल्ला धारण कराएं. नियमित रूप से रोली मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. "ॐ आदित्याय नमः" का जाप करें.
जो बच्चे कॉरपोरेट क्षेत्र की तैयारी कर रहे हैं उसे नित्य प्रातः सौंफ खाने की आदत डलवायें. नियमित रूप से गणेश जी को दूब अर्पित करें. "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप करें.