पिछले कुछ दिनों से लिव इन रिलेशनशिप को लेकर काफी चर्चा चल रही है. इसपर सवाल उठने लगे हैं.
ऐसे में जरूरी है कि आप अगर अपने पार्टनर के साथ लिव इन में रह रहे हैं तो आपको कुछ बेसिक अधिकार पता होने चाहिए.
लिव इन रिलेशन को सुप्रीम कोर्ट की मान्यता भी मिल चुकी है. हालांकि, इसके कुछ नियम तय किए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, जब दो बालिग लोग आपसी सहमति से एक दूसरे के साथ रहते हैं उसे लिव इन रिलेशनशिप कहते हैं.
हालांकि, इसे लेकर भारत में कोई अलग से कानून नहीं बनाया गया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूरी तरह वैध करार दिया है.
नियमों के मुताबिक, लिव इन रिलेशन में रहें वाले लड़के और लड़की दोनों वयस्क होने चाहिए.
इस रिलेशन को मान्यता तब मिलती है जब दोनों पार्टनर पति-पत्नी की तरह लंबे समय से साथ रह रहे हों.
महिला अधिकारों की बात करें, तो लिव इन में रह रही महिला एक पत्नी की ही तरह अपने पार्टनर से भरण पोषण की कर सकती है.
लिव इन रिलेशनशिप में अगर संतान पैदा हो जाती है तो उसे माता-पिता दोनों की प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलेगा.
अगर पार्टनर शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाकर बाद में मुकर जाता है तो यह अपराध की श्रेणी में आएगा. इसके खिलाफ उसे सजा हो सकती है.
अगर महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए घरेलू हिंसा होती है तो वह पार्टनर के खिलाफ एक्शन ले सकती है.