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सावन के सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत पवित्र माने जाते हैं. इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध आदि चढ़ाते हैं.
सावन के सोमवार के दिन कुछ कामों से परहेज करना जरूरी होता है नहीं तो पूजा का फल कम हो सकता है.
सावन के सोमवार के दिन मांसाहार और शराब का सेवन न करे. यह दिन सात्त्विकता और संयम का प्रतीक है. मांसाहार और शराब से मानसिक शुद्धि बाधित होती है.
सावन के सोमवार को प्याज और लहसुन न खाएं. व्रत वाले दिन तामसिक भोजन वर्जित होता है. सात्त्विक भोजन ही ग्रहण करें.
सावन के सोमवार को बाल या नाखून न काटें. यह दिन पूर्ण शुद्धता और संयम का होता है. बाल/नाखून काटना अशुभ माना जाता है.
सावन के सोमवार के दिन दूसरों को अपशब्द न कहें या बुरा न सोचें. क्रोध, झगड़ा या कटु वाणी से व्रत का फल कम हो सकता है.
सावन के सोमवार को तुलसी के पत्ते शिव को न चढ़ाएं. तुलसी माता विष्णु को प्रिय हैं, शिव नहीं. सावन में शिव पूजा में तुलसी निषेध है.
शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं. सावन के सोमवार को शिव को हल्दी चढ़ाना वर्जित माना गया है. दूध, जल, बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ाएं.
सावन के सोमवार के व्रत को अधूरा न छोड़ें. बिना नियम पालन के व्रत करने से उसका फल नहीं मिलता. व्रत के नियमों का पालन पूरे दिन करें.
नोट- यहां बताई गईं सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.