सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें 

हिंदू वैदिक ज्योतिष में पूर्ण सूर्य ग्रहण को खग्रास कहा जाता है, जिसका बहुत ज्यादा महत्व होता है. 

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ग्रहण से बारह घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है. लेकिन सूतक काल का प्रभाव सिर्फ उन्हीं जगहों पर होता है जहां ग्रहण दिखता है.  

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सूतक काल के दौरान प्रार्थना करना, धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना और शुभ कार्य करने से मना किया जाता है क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है. 

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ग्रहण काल के दौरान भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए और न ही किसी मंदिर में प्रवेश करना चाहिए.

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इस दौरान खाना बनाना या खाना मना होता है और मंदिर बंद रहते हैं.

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हालांकि, अगर आप बीमार हैं या अत्यधिक बुजुर्ग या बालक हैं तो आप खाना खा सकते हैं. 

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सूतक काल के दौरान लोगों को मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए.

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सूर्य ग्रहण के बाद घर के आसपास के वातावरण को शुद्ध करने के लिए गंगा जल छिड़कना चाहिए और पानी में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान भी करना चाहिए. 

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आपको बता दें कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि ग्रहण का प्रभाव उनके बच्चे पर पड़ सकता है. 

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