जीवन में जब भी निराशा लगे तो पढ़ें स्वामी विवेकानंद के ये संदेश

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दिन में एक बार खुद से बात करें, अन्यथा आप इस दुनिया में किसी बुद्धिमान व्यक्ति से मिलने से चूक जाएंगे.

जो सोचोगे, वही हो जाओगे. यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे. अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे.

जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करेंगे तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते. सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना.

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए.

एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.

आपको अंदर से बाहर की ओर बढ़ना होगा. कोई भी आपको सिखा नहीं सकता, कोई भी आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता. आपकी अपनी आत्मा के अलावा कोई अन्य शिक्षक नहीं है.

जिस दिन आपके सामने कोई समस्या न आए, आप यकीन कर सकते हैं कि आप गलत रास्ते पर सफर कर रहे हैं.

किताबें अनगिनत हैं और समय कम है. ज्ञान का रहस्य यही है कि जो जरूरी है उसे ग्रहण करें और उसके अनुसार जीने की कोशिश करें.

कुछ मत मांगो, बदले में कुछ मत चाहो, जो देना है, दो, वह तुम्हारे पास लौटकर आएगा, लेकिन अभी उसके बारे में मत सोचो.

यदि धन किसी व्यक्ति को दूसरों की भलाई करने में मदद करता है, तो इसका कुछ मूल्य है, लेकिन यदि नहीं, तो यह केवल बुराई का ढेर है और जितनी जल्दी इससे छुटकारा पाया जाए, उतना ही बेहतर है.