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संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. आषाढ़ माह का संकष्टी चतुर्थी व्रत 14 जून 2025 को रखा जाएगा.
संकष्ठी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से हर तरह के संकट का नाश होता है. भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातःकाल स्नान करके गणेश जी की पूजा का संकल्प लें.
पूजा स्थल को साफ करें और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
संकष्टी चतुर्थी के दिन ॐ गं गणपतये नमः या ॐ भालचंद्राय नमः मंत्र का जाप करें.
संकष्टी चतुर्थी के दिन अपनी क्षमता के अनुसार फलाहार या निर्जल व्रत करें.
संकष्टी चतुर्थी की शाम को प्रदोष काल या चंद्रमा के निकलने से पहले दोबारा स्नान करें.
संध्याकाल में भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें. भगवान को तिल के लड्डू, दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें.
शाम को एक साफ लोटे में शुद्ध जल, कच्चा दूध, अक्षत और सफेद फूल डालकर चंद्रमा भगवान को अर्घ्य दें.