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दशहरा का पर्व 2 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान राम और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. शाम को रावण दहन गिया जाता है.
दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर घर या मंदिर में पूजा की तैयारी करनी चाहिए.
सबसे पहले भगवान श्रीराम और मां दुर्गा का स्मरण करके पूजा का संकल्प लें. इसके बाद देवी-देवताओं को फूल, फल, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित करें.
दशहरा के दिन प्रभु श्रीराम और मां दुर्गा की पूजा में धूप, दीप और अगरबत्ती जलानी चाहिए.
दशहरा के दिन पीले फूल भगवान राम को अर्पित करें और पीला चंदन श्रीराम को चढ़ाएं.
दशहरा के दिन पूजा के दौरान भगवान राम के मंत्रों का जप व श्री राम रक्षा स्रोत का पाठ करना चाहिए.
दशहरा के दिन पूजा में भोग के रूप में तुलसी के पत्ते भी अवश्य अर्पित करने चाहिए. पूजा के अंत में श्रीराम जी की आरती का पाठ करना चाहिए और घर के लोगों में प्रसाद का वितरण करना चाहिए.
दशहरे का एक प्रमुख अनुष्ठान शस्त्र पूजन भी है, जिसे आयुध पूजन कहा जाता है.
दशहरे की शाम को रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करने से पहले राम दरबार की विशेष पूजा और आरती की जाती है.