दुनिया में बढ़ता जा रहा e-Waste, आप ऐसे कर सकते हैं मदद

e-Waste ऐसे इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रिकल डिवाइसेज और उनके पार्ट्स को कहा जाता है, जिन्हें लोग इस्तेमाल करके कचरे में डाल देते हैं. 

ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर के रिपोर्ट के मुताबिक, ई-वेस्ट के मामले में, चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है. 

ई-वेस्ट का प्रभाव केवल पर्यावरण पर ही नहीं बल्कि आपकी सेहत पर भी पड़ता है. इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि ई-वेस्ट मैनेजमेंट में मदद करें.

आज हम आपको बता रहे हैं कि ई-वेस्ट को कम करने के लिए आप क्या कर सकते हैं. 

हमारे देश में कई NGO और स्टार्टअप है जो आपके पुराने गैजेट्स को ऐसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम करते है जो नए गैजेट्स खरीद नहीं सकते हैं. आप उनकी वेबसाइट पर जाकर, गैजेट्स डोनेट करने के साथ बेच भी सकते हैं. 

कई टेक कंपनियां है जो आपको e-Waste को वापस करने का मौका देती है. जिससे उन्हें रीसायकल या खत्म किया जा सके. 

एक फोन को बनाने के लिए बहुत सी ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनका असर पर्यावरण पर पड़ता है. ऐसे में हमें बार-बार फोन बदलने से पहले सोचना चाहिए कि क्या वाकई इसकी जरूरत है?

हमेशा ऐसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को खरीदने से बचें जिनका दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. बल्कि ऐसे डिवाइस खरीदें जिनका आप लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं. 

साथ ही, ऐसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को खरीदें जो आसानी से रीसायकल हो जाएं.