जैसे-जैसे फोन पुराना होता जाता है, वह स्लो होने लगता है और बैटरी भी जल्द खत्म होने लगती है.
फोन का जल्दी डिस्चार्ज होना और इस्तेमाल करते हुए बैटरी का जल्दी ड्रेन होना यूजर की ही कुछ गलतियों के चलते होता है.
बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो फोन को बहुत जल्दी-जल्दी चार्जिंग पर लगा देते हैं. उदाहरण के तौर पर किसी ने 30 मिनट फोन इस्तेमाल किया, जैसे ही 10% मोबाइल की बैटरी कम हुई, फिर से उसे चार्ज पर लगाकर 100% कर लेते है. ऐसा करने से बचना चाहिए.
एक फोन की बैटरी की औसतन उम्र 2-3 साल होती है. जो मैन्युफैक्चरर द्वारा रेट किए गए लगभग 300-500 चार्ज साइकिल के साथ आती है. इसके बाद फोन की बैटरी की कैपेसिटी करीब 20% तक कम हो जाती है.
अब सवाल उठता है कि फोन की बैटरी कितनी होने पर फोन को चार्जिंग पर लगाएं.
फोन को चार्जिंग पर लगाने से पहले बैटरी को 20% तक डिस्चार्ज होने दें. उसके बाद ही फोन को चार्ज पर लगाएं.
फोन को कभी भी 80 से 85% से ज्यादा चार्ज नहीं करें. इससे ज्यादा चार्ज होने पर बैटरी गर्म होने लगती है. जिससे फोन की बैटरी जल्द ही खराब हो सकती है.
फोन की बैटरी पूरी तरह से ड्रेन होने से बचाएं. यानी बैटरी को चार्ज करने के लिए 0% तक खत्म होने का इंतज़ार न करें.
फोन की बैटरी 0% तक पहुंचना उसकी हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है. ऐसा होने पर बैटरी की लाइफ कम होती जाती है और वह बहुत जल्दी ड्रेन करती है.