(Photos Credit: Getty Images)
कार्ल मार्क्स ने अपना जीवन कैपटलिज़्म के खिलाफ लिखते-बोलते हुए गुज़ार दिया.
मार्क्स के काम के कारण उनकी बनाई गई विचारधारा को मार्क्सवाद के नाम से जाना गया.
मार्क्स ने हमेशा समाज का शोषण कर धन-दौलत इकट्ठा करने का विरोध किया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मार्क्स खुद कितने अमीर थे?
कार्ल मार्क्स स्वयं धनवान नहीं थे. उनका जीवन आर्थिक तंगी और संघर्षों से भरा रहा. मार्क्स एक दार्शनिक, अर्थशास्त्री और लेखक थे.
मार्क्स ने अपने जीवन का अधिकांश समय साम्यवादी सिद्धांतों और पूंजीवाद की आलोचना पर काम करने में बिताया.
इसी वजह से उनकी आय मुख्य रूप से लेखन, पत्रकारिता और कभी-कभी उनके मित्र फ्रेडरिक एंगेल्स की आर्थिक सहायता पर निर्भर थी.
एंगेल्स, जो एक धनी व्यापारी परिवार से थे, ने मार्क्स को नियमित रूप से आर्थिक मदद प्रदान की, जिससे मार्क्स अपनी किताबें जैसे दास कैपिटल लिख पाए.
मार्क्स का परिवार लंदन में अक्सर गरीबी में रहा, और उनके कुछ बच्चे कुपोषण और बीमारी के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए.
उनकी व्यक्तिगत संपत्ति नगण्य थी, और वह अपने जीवनकाल में कोई विशेष धन-संपदा अर्जित नहीं कर पाए.
संक्षेप में कहा जाए तो कार्ल मार्क्स आर्थिक रूप से संपन्न नहीं थे और उनका जीवन अभावों में बीता.