इस्लाम में किन जानवरों की कुर्बानी देना जायज है?

इस्लाम धर्म में बकरा ईद का त्योहार खास महत्व रखता है. यह पर्व मुस्लिम लोगों का दूसरा बड़ा त्योहार है. बकरा ईद को बकरीद, ईद अल अधा और ईद उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यह पर्व 7 जून को मनाया जा रहा है.

बता दें कि इस दिन नमाज के बाद बकरों की कुर्बानी दी जाती है.

ईद-उल-अजहा पर केवल कुछ जानवरों की कुर्बानी को जायज बताया गया है. इसमें बकरा, बकरी, भेड़, मेंढा, बैल, भैंस और ऊंट शामिल हैं. 

इसके अलावा किसी अन्य जानवर की कुर्बानी को ईद पर दी गई कुर्बानी में नहीं गिना जाएगा.

साथ ही कुर्बानी केवल उन जानवरों की होती है जिनके 4 पैर होेते हैं. लेकिन खच्चर, घोड़ा आदि जैसी जानवर कुर्बान नहीं किए जाते हैं.

अगर आप ऊंट या भैंस/बैल की कुर्बानी कर रहे हैं. तो उसमें सात लोगों के हिस्से शामिल होते हैं. जबकि अन्य जानवर में अकेला इंसान भी कुर्बानी करवा सकता है.

इसके अलावा शर्त हैं कि इन जानवरों के कम से कम दो दांत निकले हुए होने चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो आप उस जानवर की कुर्बानी नहीं कर सकते हैं.

कुर्बानी से पहले आपका जानवर सेहतमंद होना जरूरी है. साथ ही वह बीमार ना हो. या किसी प्रकार का उसमें दोष ना हो.