गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास एयर इंडिया का विमान AI-171 क्रैश हो गया. इस प्लेन में क्रू मेंबर सहित कुल 242 यात्री सवार थे.
यह विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था. एयरपोर्ट पर टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गया. इस हादसे में प्लेन पर सवार अधिकांश लोग मारे जा चुके हैं.
इस हादसे के बाद लोगों के बीच चर्चा हो रही है क्या विमान में सफर करना सेफ है. प्लेन की कौन सी सीट सबसे सुरक्षित होती है.
रिसर्च रिपोर्ट कहती हैं यदि विमान हादसा होता है तो यात्री की जान का जोखिम कितना है, यह सीट की पोजिशन के आधार पर बताया जा सकता है. लोगों के बचने की उम्मीद इस बात पर निर्भर करता है कि इमरजेंसी किस तरह की है.
विशेषज्ञों का कहना है सबसे कम खतरे वाली सीटें विमान के पिछले हिस्से में होती हैं. यहां मौत का खतरा मात्र 28 फीसदी रहता है. प्लेन की बीच वाली सीट भी सुरक्षित होती है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि जब विमान में आग लगने की घटना होती है तो सबसे ज्यादा खतरा विंडो सीट वालों को रहता है. इनके बचने की उम्मीद 53 फीसदी रहती है.
विमान के आगे की सीट हादसे के समय काफी खतरनाक होती है. आगे की तरफ बैठने वाले यात्रियों के बचने की उम्मीद 65 फीसदी तक रहती है. प्लेन के टाहै.
इमरजेंसी गेट के पास बैठे यात्रियों को विमान से बाहर निकलने का रास्ता अधिक तेज होता है, जिससे दुर्घटना से बचकर निकलने की संभावना अधिक होती है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि आग लग जाए तो गेट से पांच पंक्ति दूर वाली सीट पर बैठने से बच निकलने की संभावना अधिक होती है.