देश का पहला फील्ड मार्शल कौन है?

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हम घर में आराम से बिनी किसी फ्रिक के सो पाते हैं क्योंकि बॉर्डर पर हमारी रक्षा भारतीय सेना के जवान कर रहे हैं.

भारतीय सेना में अलग-अलग रैंक होती है. भारतीय सेना में "फील्ड मार्शल" सबसे ऊंची रैंक होती है.

भारत का पहला फील्ड मार्शल कौन था? आइए इस बारे में जान लेते हैं.

भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ थे. सैम मानेकशॉ का पूरा नाम सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ है.

फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को 1973 में फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी. वे इस रैंक तक पहुंचने वाले भारत के पहले सैन्य अधिकारी थे.

सैम मानेकशॉ के बाद भारत में जनरल करिअप्पा को ये उपाधि दी गई. सैम मानेकशॉ को फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के नाम से जाना जाना जाता है.

सैम मानेकशॉ को उनकी हाजिरजवाबी और साहसी फैसले उन्हें भीड़ से अलग बनाते थे. वो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी बिना किसी झिझक के बात की थी.

फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारतीय सेना के स्वाभिमान का प्रतीक हैं. उनका जीवन देशभक्ति, वीरता और नेतृत्व की मिसाल है.

भारत-पाक युद्ध 1971 में सैम मानेकशॉ ने अहम भूमिका निभाई थी. 1971 के युद्ध में उनकी रणनीति से ही भारत ने जीत हासिल की.

सैम मानेकशॉ ने 1962, 1965 और 1971 तीन बड़े युद्धों में योगदान दिया था. सैम मानेकशॉ को उनकी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें "योद्धाओं का योद्धा" बना दिया.

नोट- यहां बताई गईं सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.