(Photos Credit: Getty Images)
भारत की आज़ादी के साथ अस्तित्व में आए पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज जब डिज़ाइन किया गया तो उसपर चांद और सितारा रखा गया.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान के झंडे पर इसका क्या मतलब है? इसका मुसलमानों से क्या संबंध है और यह कहां से आया?
दरअसल चांद और सितारे का संबंध इस्लाम से नहीं है. इसकी उत्पत्ति प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया में हुई थी.
यूरोप के बाइज़ैंटीन साम्राज्य ने इसे अपने ध्वज पर लाने का फैसला किया. यह पहली बार था जब चांद और एक सितारा एक साथ किसी झंडे पर थे.
जब उस्मानिया साम्राज्य ने बाइज़ैंटीन साम्राज्य को हरा दिया तो उन्होंने इस झंडे को अपना लिया. यह पहली बार था कि किसी मुस्लिम साम्राज्य ने अपने झंडे पर चांद-सितारा रखा हो.
जब उस्मानिया साम्राज्य खत्म होकर छोटे-छोटे देशों में बंट गया तो तुर्की, अल्जीरिया और अज़रबैजान सहित कई देशों ने इस ध्वज में थोड़े बहुत बदलाव करके इसे अपना लिया.
पाकिस्तान 1947 में आज़ाद हुआ. इसके झंडे पर मौजूद चांद-सितारे को प्रगति और प्रकाश का प्रतीक माना जाता है.
यानी इसका धर्म से कोई संबंध नहीं, बल्कि इसके तार संस्कृति और इतिहास से जुड़े हुए हैं.