Mock Drill की 10 बड़ी बातें

(Photo Credit: PTI)

मोदी सरकार ने पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर सभी राज्यों को 7 मई 2025 को मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं.

देश के जिन 259 जिलों में जंग का साइरन बजेगा, इनमें वो जिले और शहर शामिल हैं जो पाकिस्तान से बॉर्डर साझा करने वाले हैं.

सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक ऐसा अभ्यास होता है, जिसमें वास्तविक परिस्थितियों की तरह ही हवाई हमले के सायरन बजाए जाते हैं, शहरों को ब्लैकआउट किया जाता है. 

मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को सुरक्षित आश्रयों में ले जाया जाता है और इमरजेंसी टीमें अपनी भूमिका निभाती हैं.

इस मॉक ड्रिल मकसद नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना और आपदा के समय घबराहट, भ्रम और नुकसान को कम करना होता है.

इस मॉक ड्रिल मकसद हवाई हमले की चेतावनी देने वाली प्रणालियों की प्रभावशीलता का आकलन करना है.

मॉक ड्रिल मकसद भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन/रेडियो संचार लिंक का संचालन करना है.कंट्रोल रूम और सेडो कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता का परीक्षण करना है.

इस मॉक ड्रिल मकसद महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं के शीघ्र सुरक्षा देना है. वार्डन सेवाओं, अग्निशमन, बचाव कार्यों और डिपो प्रबंधन सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता और प्रतिक्रिया को सत्यापित करना है.

मॉक ड्रिल मकसद क्रैश ब्लैकआउट उपायों के कार्यान्वयन का आकलन करना है. निकासी योजनाओं की तैयारी और उनके क्रियान्वयन का मूल्यांकन करना है.

दिल्ली और मुंबई में शाम 4 बजे मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें हवाई हमले के सायरन बजाए जाएंगे. शाम 7 बजे ब्लैकआउट अभ्यास होगा, जिसमें सभी लाइटें बंद की जाएंगी.