दरवाजे या गाड़ियों में क्यो लटकाते हैं नींबू-मिर्च, जानिए

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नींबू-मिर्ची को लेकर हमारे समाज में कई पारंपरिक मान्यताएं प्रचलित हैं. 

हालांकि आज इसे अंधविश्वास समझा जाने लगा है, लेकिन वास्तव में इनके पीछे ठोस वैज्ञानिक और व्यावहारिक कारण छिपे हुए हैं.

पुराने समय में लोग अक्सर घने जंगलों और दुर्गम रास्तों से यात्राएं करते थे. तब हमारे पूर्वजों के लिए नींबू और मिर्ची एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा किट थे.

नींबू धूप में डिहाइड्रेशन से बचाता था, जबकि मिर्ची का उपयोग सांप-बिच्छू के काटने की स्थिति में होता था. 

अगर मिर्च का तीखापन महसूस नहीं हो, तो समझा जाता था कि जहर असर कर रहा है. 

अगर यात्रा के दौरान रात में रुकना पड़ता था, तो नींबू के रस की मदद से  कोयले के टुकडे में आग लगाई जाती थी.

घर लौटने के बाद इसी नींबू-मिर्ची को दरवाजे पर टांग दिया जाता था ताकि अगली बार यात्रा पर जाते समय याद रहे. 

यह भी माना जाता था कि इसकी गंध से छिपकली और मक्खियां दूर रहती हैं.

हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए इन नियमों के पीछे गहराई से सोच-समझ और अनुभव छिपा था.