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योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भक्त की सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं. पाप धूल जाते हैं. हरि की कृपा से बीमारियां दूर हो जाती हैं.
आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून 2025 को रखा जाएगा.
योगिनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद पीले रंग का स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए.
योगिनी एकादशी के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. फिर भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी के साथ पीपल के वृक्ष की भी पूजा करनी चाहिए.
योगिनी एकादशी के दिन मंदिर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. इसके बाद विष्णु भगवान का जलाभिषेक करें.
विष्णु भगवान को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें. फल, मिठाई और सात्विक भोजन भगवान को अर्पित करें.भगवान विष्णु के भोग में तुलसी का प्रयोग अवश्य करें.
योगिनी एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. योगिनी एकादशी के दिन पीपल का पौधा लगाएं.
योगिनी एकादशी की पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद बांटें. इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें.