हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है. आयुर्वेद तुलसी को अच्छी औषधि के रूप में बताता है.
तुलसी का पौधा हर घर में देखने को मिल जाता है. पूजा के साथ ही तुलसी की पत्तियों और बीजों का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है.
कई बार तुलसी के पौधे सूखने लगते हैं. हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप सालों भर तुलसी के पौधे को हरा-भरा रख सकते हैं.
यदि आप चाहते हैं कि आपका तुलसी का पौधा सालों भर हरा-भरा रहे, तो इसको लगाने के लिए हमेशा मिट्टी के गमलों का चुनाव करें.
मिट्टी के गमले में पानी इकट्ठा नहीं होता है और तुलसी के पौधे को धूप व हवा बराबर मिलती रहती है. यदि आपने सीमेंट का गमला चुना तो पूरे चांसेज हैं प्लांट के सूखने के. प्लास्टिक के गमले भी तुलसी को न लगाएं.
आपने जिस गमले में तुलसी का पौधा लगाया है उसकी मिट्टी यदि गीली है तो उसमें जबरदस्ती का पानी न डालें. जरूरत के हिसाब से ही पानी डालें. दो-तीन महीने में एक बार तुलसी के पौधे की ट्रीमिंग करते रहें.
तुलसी के पौधे के ऊपर पिंचिंग बहुत जरूरी होती है. यानी जब इसे लगाए हुए 1 हफ्ता हो जाए तो आप सबसे ऊपर वाली पत्तियों को तोड़ दें. ऐसा इसलिए ताकि पौधा सिर्फ ऊपर से न बढ़े बल्कि उसकी अन्य पत्तियों की तरफ से भी ग्रोथ हो.
मंजरी यानी तुलसी के बीज यदि पौधे में आने लगे हैं तो आप उन्हें हटा लें. सूखी मंजरी हटाने से पौधे की लाइफ और बढ़ जाएगी.
तुलसी के पत्तों में छेद नजर आ रहे हों तो इसका मतलब उसमें कीड़े लग रहे हैं. ऐसे में नीम ऑयल का स्प्रे करें.