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हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा विशेष महत्व रखता है. तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है और इसकी पूजा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
लेकिन लोग ये सवाल करने लगते हैं कि क्या तुलसी की पूजा खरमास के दौरान करनी चाहिए या नहीं.
खरमास तब शुरू होता है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है. इस समय शुभ कार्य वर्जित होते हैं, और पूजा-पाठ में भी कुछ खास नियमों का पालन करना पड़ता है.
तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, तुलसी पूजन से जीवन में सुख-शांति और धन की वृद्धि होती है.
खरमास के दौरान तुलसी के पौधे को हाथ लगाना वर्जित माना गया है.
अगर तुलसी को स्पर्श नहीं कर सकते, तो पूजा के लिए तुलसी के गमले से मिट्टी लें और उसका इस्तेमाल करें.
गमले से ली गई मिट्टी से तुलसी माता की छोटी प्रतिमा बनाएं. इसे गंगाजल और दूध से शुद्ध करें.
मिट्टी की प्रतिमा पर हल्दी की पांच गांठें रखें. यह तुलसी माता की पूजा के लिए शुभ माना जाता है.
प्रतिमा को सूती लाल कपड़े में लपेटें और उस पर तीन बार कलावा बांधें. इसे घर की पूर्व दिशा में रखें.
तुलसी के पौधे के सामने खड़े होकर तुलसी चालीसा और तुलसी स्तोत्र का पाठ करें. तुलसी माता के हिस्से का भोग बनाकर उसे गाय को खिलाएं. यह पूजा को पूर्ण करने का तरीका है.
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