जापानी तकनीकों से कैसे बढ़ाएं अपनी याददाश्त

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हम सभी की जिंदगी में ऐसे पल आते हैं जब हम किसी का नाम भूल जाते हैं, एटीएम के सामने पासवर्ड याद नहीं आता या परीक्षा के समय उत्तर दिमाग से ऐसे गायब हो जाता है जैसे कभी याद ही न किया हो.

ऐसी छोटी-छोटी भूलें न केवल हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कत पैदा करती हैं, बल्कि हमारे आत्मविश्वास को भी चोट पहुंचाती हैं.

जापान में ऐसे कई तकनीकें प्रचलित हैं जो भूलने की समस्या को दूर करने के साथ-साथ सोचने, समझने और सीखने की क्षमता को भी बढ़ा देती हैं.

शिकाकू विज़ुअल इमेजिंग तकनीक इस तकनीक में शब्दों के बजाय चित्र, रंग और आकृतियों की मदद से जानकारी को याद किया जाता है. किसी बात को जब हम किसी रंग या आकृति से जोड़ते हैं, तो वह जल्दी और लंबे समय तक याद रहती है.

नेमोनिक (Mnemonic) तकनीक इस विधि में किसी शब्द, नाम या जानकारी को कहानी, कविता या किसी प्रसिद्ध चीज़ से जोड़कर याद किया जाता है.

शिनकानजेन तकनीक (Repetition Technique) जापान में बच्चे किसी भी चीज को याद करने के लिए उसे हर दिन कुछ मिनट तक दोहराते हैं. यह आदत चीजों को दिमाग में पक्के तौर पर बैठा देती है.

जेन मेडिटेशन (Zazen) यह एक पारंपरिक बैठकर ध्यान करने की जापानी तकनीक है जिसमें व्यक्ति चुपचाप बैठकर अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करता है.

फूरीगाना तकनीक इस तकनीक में कठिन जानकारी को छोटे और आसान हिस्सों में तोड़कर पढ़ाया और याद करवाया जाता है. इससे जटिल शब्द या जानकारी भी आसानी से दिमाग में बैठ जाती है.