अक्टूबर 2025 में कन्या राशि के जातकों के लिए परिणाम मिश्रित या औसत रह सकते हैं. महीने की शुरुआत में सूर्य आपके पहले और दूसरे भाव से होकर गोचर करेगा, जो इस ग्रह के लिए अशुभ माना जाता है. इस कारण सूर्य से इस महीने ज्यादा लाभ मिलने की संभावना कम है. मंगल दूसरे भाव से होकर तीसरे भाव में प्रवेश करेगा. इसका मतलब है कि महीने के पहले हिस्से में मंगल का प्रभाव सीमित रहेगा, लेकिन बाद में यह लाभकारी साबित हो सकता है.
करियर:
इस महीने करियर भाव के स्वामी का प्रभाव सकारात्मक रहेगा. व्यवसाय या नौकरी में अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है. 3 अक्टूबर तक बुध आपके अपने भाव में रहेगा, जिससे कामकाज में लाभ मिलेगा. 3 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक यह दूसरे भाव में रहेगा, इस दौरान कर्मचारियों को ज्यादा फायदा मिलेगा. शनि के कारण कुछ चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन आप उन्हें पार कर पाएंगे. व्यवसाय में माह का परिणाम औसत या थोड़ा बेहतर रहेगा. नए व्यापार में इस समय जोखिम लेने से बचें.
वित्त:
इस महीने धन संबंधी क्षेत्र पर कोई नकारात्मक ग्रह प्रभाव नहीं है. महीने के दूसरे भाग में गुरु के लाभकारी गोचर से आय में वृद्धि और घरेलू जीवन में सुधार होगा. पहले भाग में शुक्र बारहवें भाव में होने के कारण विलासिता पर खर्च हो सकता है. 9 अक्टूबर के बाद शुक्र पहले भाव में प्रवेश करेगा, लेकिन कुछ खर्च जारी रह सकते हैं. कुल मिलाकर आय अच्छी रहेगी, लेकिन बचत औसत रह सकती है.
स्वास्थ्य:
स्वास्थ्य इस महीने सामान्य से बेहतर रहेगा. 24 अक्टूबर तक बुध आपके स्वास्थ्य की सुरक्षा करेगा. इसके बाद कुछ स्वास्थ्य समस्याएं आ सकती हैं, विशेषकर हृदय और फेफड़ों से संबंधित. पीठ और प्रजनन अंगों में परेशानी की संभावना है. राहु के छठे भाव में गोचर से कभी-कभी भ्रम हो सकता है. सूर्य का स्वास्थ्य पर प्रभाव कमजोर रहेगा. छोटे-मोटे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन सावधानी और समय पर दवा लेने से इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है.
प्रेम/विवाह/व्यक्तिगत संबंध:
पांचवें भाव के स्वामी शनि कमजोर स्थिति में है, इसलिए प्रेम मामलों में सहारा कम रहेगा. शुक्र का प्रभाव सकारात्मक रहेगा और संबंधों को बनाए रखने में मदद करेगा. महीने के दूसरे भाग में गुरु के प्रभाव से प्रेम संबंधों में सुधार आएगा. विवाह और व्यक्तिगत संबंधों में पहले भाग में कुछ संघर्ष हो सकते हैं, लेकिन दूसरे भाग में सामंजस्य और लाभकारी परिणाम मिल सकते हैं.
परिवार और मित्र:
मंगल दूसरे भाव में रहने के कारण पारिवारिक विवाद और बहस हो सकती है. बातचीत में संतुलन बनाए रखें और गुस्सा नियंत्रित रखें. पहले भाग में गुरु का सहयोग परिवारिक एकता बनाए रखने में मदद करेगा. भाई-बहनों के साथ संबंध संतुलित रखने की आवश्यकता है. चौथे भाव के स्वामी की स्थिति सामान्यतः लाभकारी रहेगी.
सलाह:
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