सोशल सोशल मीडिया पर तोड़फोड़ का एक वीडियो खूब वायरल किया जा रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कांवड़ियों का एक ग्रुप ई-रिक्शा को तोड़ रहे हैं. लाठी-डंडों के जरिए ई-रिक्शा को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वीडियो में कुछ पुलिसवाले भी नज़र आ रहे हैं. वो इन्हें रोकने की कोशिश भी कर रहे हैं. पर इनका गुस्सा शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस वीडियो को हाल ही का बताकर जमकर शेयर किया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में मुहर्रम जुलूस के दौरान 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए गए. लगभग 50 सेकंड के इस वीडियो के अंतिम हिस्से में कुछ युवक हाथों में मशाल लिए नारे लगाते हुए नजर आते हैं.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक शख्स को महिला के साथ मारपीट करते हुए देखा जा रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स ये दावा कर रहे हैं कि मुंबई में महिला ने एक पार्टी के नेता का बैनर लगाने का विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई. लेकिन जब वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया गया तो क्या सच और झूठ सामने आया पड़ताल करती हमारी ये रिपोर्ट देखिए.
दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने और पुल टूटने के वायरल वीडियो से संबंधित थी. इस दावे की जांच में पता चला कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर सामान्य है और कोई पुल नहीं टूटा है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के एक्स हैंडल से भी एक वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें दिख रहा है कि यमुना का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है. वायरल वीडियो की सटीक लोकेशन या समय के बारे में कोई भरोसेमंद जानकारी नहीं मिली, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह दिल्ली का नहीं है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है. इसे शेयर करते हुए यूजर्स ये कह रहे हैं कि हाल ही में इंग्लैंड के कोवेंट्री में फिलिस्तीन का समर्थन करने वाली एक महिला पर सरेआम पानी डाल दिया गया. सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ये वीडियो इसी मिलते-जुलते दावे के साथ इसे लगातार शेयर कर रहे हैं. ऐसे में वायरल वीडियो का सच और झूठ क्या है देखिए पड़ताल करती हमारी ये रिपोर्ट.
अफगानिस्तान के काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले का दावा करते हुए कुछ तस्वीरें वायरल की गईं. पड़ताल में सामने आया कि ये तस्वीरें पुरानी और अलग-अलग घटनाओं से संबंधित हैं, जिनमें 8 अक्टूबर 2009 का आत्मघाती हमला, 9 अक्टूबर 2009 में तत्कालीन विदेश सचिव निरूपमा राव और राजदूत जयंत प्रसाद का घटनास्थल का दौरा, जून 2017 का कार बम धमाका और 2014 में हेरात वाणिज्य दूतावास पर हमला शामिल है. कोई हालिया हमला नहीं हुआ है.
सबसे पहले उस वीडियो की बात की गई जिसमें दावा किया जा रहा था कि पंडितों के बीच दान के पैसों को लेकर लड़ाई हो गई और वे एक-दूसरे पर जलती मशालें फेंक रहे हैं। पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो कर्नाटक के मंगलुरु और उडुपी के मंदिरों में हर साल अप्रैल में मनाए जाने वाले 'अग्निकेली उत्सव' का है। इस परंपरा में गांव के लोग करीब 15 मिनट के लिए सूखे पत्तों, कपड़ों और तेल से बनी जलती हुई मशालें एक-दूसरे पर फेंकते हैं.
सोशल मीडिया के इस दौर में हर दिन कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो वायरल होते हैं जिनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम ऐसी फैलाई गई खबरों के प्रति जागरूक रहें और बिना जांचे उन पर विश्वास न करें। कई बार ऐसी खबरें सार्वजनिक हस्तियों की छवि खराब कर देती हैं या समाज पर गलत असर डालती हैं। इसलिए किसी भी संदिग्ध फोटो या वीडियो का फैक्ट चेक करना जरूरी हो जाता है। आज ऐसी ही कुछ खबरों की पड़ताल की गई। एक वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा था कि ईरान ने मोसाद के लिए जासूसी के शक में कई लोगों को सरेआम फांसी दी है। पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो पुराना है और हालिया इजराइल-ईरान संघर्ष से संबंधित नहीं है.
पुलिस की मौजूदगी में भरे बाजार में कुछ लोगों का सिर मुंडवा कर घुमाए जाने का वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है जहां भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की.लेकिन जब वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया गया तो क्या सच और झूठ सामने आया पड़ताल करती ये रिपोर्ट देखिए.
वीडियो में ढेर सारी बंदूकें और नोटों की गड्डियां देखी जा रही हैं. वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हाल ही में ये लखनऊ में हकीम सलाउद्दीन के घर से कथित तौर पर बरामद हुई 3,000 से ज्यादा बंदूक है. पोस्ट में ये भी कहा जा रहा है कि हकीम सलाहुद्दीन के घर से कथित 50,000 कारतूसों की 20 बोरियां और नकदी भी जब्त की गई है. सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ये वीडियो इसी मिलते-जुलते दावे के साथ लगातार शेयर किया जा रहा है. ऐसे में वायरल वीडियो का सच और झूठ जानना जरूरी हो गया था. फैक्ट चेक टीम ने वायरल दावे की जांच की.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ईरान की पार्लियामेंट के अंदर अमेरिकी झंडे को कुछ सांसद आग के हवाले करते हुए देखे जा रहे हैं. वीडियो को शेयर करते हुए कुछ यूजर्स ये दावा कर रहे हैं कि ईरान की पार्लियामेंट में हाल ही में अमेरिका के झंडे को जलाया गया है.वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया गया तो क्या सच और झूठ सामने आया पड़ताल करती हमारी ये रिपोर्ट देखिए.