सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दो प्रमुख दावों की सच्चाई उजागर की है. पहले दावे में एक वीडियो के जरिए यह कहा गया कि बांग्लादेश में पश्चिमी कपड़े पहनने और दाढ़ी न रखने वाले छात्रों के बाल काटे जा रहे हैं. शुभम सिंह ने बताया कि 'यह वीडियो तीन महीने पुराना है और इसका हालिया प्रदर्शनों से कोई संबंध नहीं है.' जांच में पाया गया कि यह मयमनसिंह में एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन का वीडियो था.
सोशल मीडिया पर एक विरोध-प्रदर्शन का वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है...वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने के विरोध में लोग नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं...लेकिन जब वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया गया तो क्या सच और झूठ सामने आया पड़ताल करती हमारी ये रिपोर्ट देखिए।
सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के दीपू चंद्र दास की लिंचिंग से पहले का बताकर एक वीडियो वायरल हो रहा है। गुड न्यूज़ टुडे के फैक्ट चेक में यह दावा गलत निकला। वीडियो में दिख रहा शख्स ढाका कॉलेज का छात्र है, न कि दीपू दास। वहीं, बुलडोजर पर पत्थर फेंकने वाली महिला का वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं, बल्कि नेपाल के काठमांडू का है, जो अगस्त 2025 का है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है. कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए ये दावा कर रहे हैं कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव का ये वीडियो अरावली विवाद से संबंधित है. लेकिन जब वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया गया तो क्या सच और झूठ सामने आया पड़ताल करती हमारी ये रिपोर्ट देखिए.
सोशल मीडिया पर अरावली रेंज को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह 'अरावली बचाओ' आंदोलन की भीड़ है। गुड न्यूज़ टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि यह दावा पूरी तरह गलत है। प्रिंसिपल कॉरेस्पोंडेंट अर्जुन डियोडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वायरल वीडियो राजस्थान के करौली जिले के टोडा भीम स्थित करीरी गांव का है.
गुड न्यूज़ टुडे के फैक्ट चेक शो में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दो बड़े दावों की पड़ताल की गई है. पहला वीडियो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के गिरने का दावा करता है. पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो अमेरिका के न्यूयॉर्क का नहीं, बल्कि ब्राजील के ग्वाइबा शहर का है, जहां 16 दिसंबर को तूफान की वजह से एक डिपार्टमेंटल स्टोर के बाहर लगी 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' की रेप्लिका गिर गई थी.
एंकर गीतिका पंत ने 'फैक्ट चेक' शो में सोशल मीडिया पर वायरल दो प्रमुख खबरों की गहन पड़ताल की। पहला दावा यह था कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकी हमले के बाद इंग्लैंड के मैनचेस्टर में एक धर्म विशेष के लोगों ने जश्न मनाया। जांच में यह दावा पूरी तरह गलत साबित हुआ और पता चला कि वायरल वीडियो पुराना है और इसका ऑस्ट्रेलिया की घटना से कोई संबंध नहीं है। दूसरा वायरल दावा यह था कि सऊदी अरब ने रोहिंग्या शरणार्थियों से भरे दो जहाजों को अपनी जल सीमा से वापस लौटा दिया। फैक्ट चेक टीम ने पाया कि ये तस्वीरें 2015 की हैं जब रोहिंग्या प्रवासी अंडमान सागर में थाईलैंड के पास फंसे थे। एंकर ने स्पष्ट किया कि इन पुरानी तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल कर समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो के जरिए कुछ लोग ये कह रहे हैं कि शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाने के बाद से बांग्लादेश की हालत इस कदर बिगड़ गई है कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के उप प्रेस सचिव पर सड़क के बीचों-बीच हमला किया गया...वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है पड़ताल करती हमारी ये रिपोर्ट देखिए।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दो वीडियो का फैक्ट चेक किया गया है. पहला वीडियो एक झूले से लड़की के टकराने का है, जिसे एआई (AI) जनरेटेड बताया गया है. दूसरा वीडियो सिडनी में आतिशबाजी का है, जिसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा था. एंकर ने कहा, 'वायरल वीडियो का सच और झूठ जानना जरूरी हो गया था तो फैक्ट चेक टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल शुरू की.' पड़ताल में पता चला कि सिडनी वाला वीडियो पैडस्टो रोटरी क्लब (Padstow Rotary Club) के क्रिसमस कार्यक्रम का था, न कि किसी हमले के जश्न का.
गुड न्यूज़ टुडे के फैक्ट चेक में सोशल मीडिया पर वायरल दो वीडियो की पड़ताल की गई है. पहला वीडियो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार 5 लाख से कम आय वाले परिवारों को हर महीने ₹12,000 देगी. पड़ताल में यह वीडियो डीपफेक (Deepfake) साबित हुआ है.
भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने एम्स के लिए 20 बीघा जमीन दान की है. गुड न्यूज़ टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि वायरल तस्वीरें AI जेनरेटेड हैं और उनमें जेमिनी का वॉटरमार्क भी है. वहीं, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के कार्यक्रम में खाली कुर्सियों का वीडियो भी वायरल हुआ. पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो कार्यक्रम के शुरू या अंत का है, जबकि असल में वहां भीड़ मौजूद थी. एंकर शुभम सिंह ने इन दोनों वायरल खबरों का सच दर्शकों के सामने रखा.