गुड न्यूज़ टुडे के फैक्ट चेक शो में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दो बड़े दावों की पड़ताल की गई है. पहला वीडियो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के गिरने का दावा करता है. पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो अमेरिका के न्यूयॉर्क का नहीं, बल्कि ब्राजील के ग्वाइबा शहर का है, जहां 16 दिसंबर को तूफान की वजह से एक डिपार्टमेंटल स्टोर के बाहर लगी 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' की रेप्लिका गिर गई थी.
एंकर गीतिका पंत ने 'फैक्ट चेक' शो में सोशल मीडिया पर वायरल दो प्रमुख खबरों की गहन पड़ताल की। पहला दावा यह था कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकी हमले के बाद इंग्लैंड के मैनचेस्टर में एक धर्म विशेष के लोगों ने जश्न मनाया। जांच में यह दावा पूरी तरह गलत साबित हुआ और पता चला कि वायरल वीडियो पुराना है और इसका ऑस्ट्रेलिया की घटना से कोई संबंध नहीं है। दूसरा वायरल दावा यह था कि सऊदी अरब ने रोहिंग्या शरणार्थियों से भरे दो जहाजों को अपनी जल सीमा से वापस लौटा दिया। फैक्ट चेक टीम ने पाया कि ये तस्वीरें 2015 की हैं जब रोहिंग्या प्रवासी अंडमान सागर में थाईलैंड के पास फंसे थे। एंकर ने स्पष्ट किया कि इन पुरानी तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल कर समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो के जरिए कुछ लोग ये कह रहे हैं कि शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाने के बाद से बांग्लादेश की हालत इस कदर बिगड़ गई है कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के उप प्रेस सचिव पर सड़क के बीचों-बीच हमला किया गया...वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है पड़ताल करती हमारी ये रिपोर्ट देखिए।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दो वीडियो का फैक्ट चेक किया गया है. पहला वीडियो एक झूले से लड़की के टकराने का है, जिसे एआई (AI) जनरेटेड बताया गया है. दूसरा वीडियो सिडनी में आतिशबाजी का है, जिसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा था. एंकर ने कहा, 'वायरल वीडियो का सच और झूठ जानना जरूरी हो गया था तो फैक्ट चेक टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल शुरू की.' पड़ताल में पता चला कि सिडनी वाला वीडियो पैडस्टो रोटरी क्लब (Padstow Rotary Club) के क्रिसमस कार्यक्रम का था, न कि किसी हमले के जश्न का.
गुड न्यूज़ टुडे के फैक्ट चेक में सोशल मीडिया पर वायरल दो वीडियो की पड़ताल की गई है. पहला वीडियो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार 5 लाख से कम आय वाले परिवारों को हर महीने ₹12,000 देगी. पड़ताल में यह वीडियो डीपफेक (Deepfake) साबित हुआ है.
भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने एम्स के लिए 20 बीघा जमीन दान की है. गुड न्यूज़ टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि वायरल तस्वीरें AI जेनरेटेड हैं और उनमें जेमिनी का वॉटरमार्क भी है. वहीं, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के कार्यक्रम में खाली कुर्सियों का वीडियो भी वायरल हुआ. पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो कार्यक्रम के शुरू या अंत का है, जबकि असल में वहां भीड़ मौजूद थी. एंकर शुभम सिंह ने इन दोनों वायरल खबरों का सच दर्शकों के सामने रखा.
सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल में 'नई बाबरी मस्जिद' को लेकर पुलिस कार्रवाई और बिहार के भागलपुर में आगजनी के वीडियो वायरल हो रहे हैं. गुड न्यूज़ टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि बंगाल के नाम पर वायरल वीडियो असल में बांग्लादेश के ढाका में शिक्षकों के प्रदर्शन का है. वहीं, बिहार में हिंसा का दावा करने वाला वीडियो मुंबई के धारावी और बोरीवली में लगी आग की दो अलग-अलग घटनाओं का है.
गुड न्यूज़ टुडे के 'फैक्ट चेक' शो में एंकर गीतिका पंत ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई भ्रामक दावों की सच्चाई को उजागर किया है. शो में इस दावे की पड़ताल की गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'मनुस्मृति' भेंट की, जो जांच में झूठा निकला; असल में पीएम मोदी ने 'श्रीमद्भगवद्गीता' का रूसी संस्करण उपहार में दिया था. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में मछली विक्रेताओं को धमकाने वाला वायरल वीडियो वास्तव में दिल्ली के गोकुलपुरी का पाया गया. सियालदह स्टेशन पर भारी भीड़ के वीडियो को रोहिंग्याओं के पलायन से जोड़कर गलत तरीके से पेश किया जा रहा था, जबकि सच्चाई ट्रेन में हुई देरी थी. फैक्ट चेक टीम ने एआई-जनरेटेड वीडियो का भी खुलासा किया, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी को हनुमान आरती करते दिखाया गया, जो पूरी तरह से फर्जी था.
सोशल मीडिया पर इन दिनों दो दावे तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनकी सच्चाई कुछ और ही है। एक तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन किए। वहीं, एक अन्य वीडियो में पाकिस्तान की संसद के अंदर एक गधे के घुसने का दावा किया जा रहा है. जानें इन दोनों का सच
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भोपाल में आदिल काजमी (Adil Kazmi) नामक शख्स को बम धमाకే की साजिश रचతే हुए गिरफ्तार किया गया है. गुड न्यूज़ टुडे (Good News Today) की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि यह दावा पूरी तरह झूठा है. यह वीडियो 2021 की तेलुगु फिल्म 'Thappinchukoleru' (Nobody Can Escape) की शूटिंग का एक दृश्य है, जिसे भोपाल में फिल्माया गया था.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दो चौंकाने वाले वीडियो का सच 'फैक्ट चेक' रिपोर्ट में सामने आया है। पहले वीडियो में पुलिस को कुछ लोगों की पिटाई करते हुए दिखाया गया है और दावा किया गया है कि यह उत्तर प्रदेश की घटना है जहाँ सीएम योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाए गए थे। हालांकि, पड़ताल में यह वीडियो 2018 का राजस्थान के हनुमानगढ़ का साबित हुआ, जहाँ तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के विरोध के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.