उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए खर्च की सीमा तय कर दी गई है. अब ग्राम प्रधान चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अब अधिकतम ₹1.25 लाख रुपये तक ही खर्च कर सकेंगे. ग्राम पंचायत सदस्य के लिए यह सीमा ₹10 हजार, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए ₹1 लाख और जिला पंचायत सदस्य के लिए ₹2.5 लाख रुपये तय की गई है.
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में रोजगार, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर क्राइम तक दूसरे कई मुद्दे हैं लेकिन आज भी सबसे बड़ा फैक्टर जाति ही है. इसी जातीय समीकरण को साधते हुए NDA हो या महागठबंधन में सीटों का बंटवारा होता है. उम्मीदवारों के चयन में भी जाति अहम रोल निभाता है. बिहार के मतदाता भी हर विधानसभा चुनाव में जाति को प्रमुखता देते हैं. पार्टी कोई भी हो अपनी जाति के उम्मीदवार को देखकर वोट देते हैं. ऐसे में हम कह सकते हैं कि जाति है कि जाती नहीं...!
बिहार का कोसी इलाका, कोसी नदी के प्रभाव वाला इलाका, वो कोसी नदी है जिसे बिहार का अभिशाप कहा जाता रहा है और इसी कोसी की वजह से ये इलाका भी कभी अभिशप्त माना गया. कोसी काफी वक्त से सियासी दृष्टि से राजद के लिए भी अभिशप्त रहा है. लेकिन क्या इस बार ये महागठबंधन के लिए वरदान साबित होगा ये बड़ा सवाल है.
बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी मुखिया लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के टिकट पर महुआ सीट से चुनावी मैदान में हैं. तेज प्रताप यादव के बयान खूब वायरल हो रहे हैं. खासकर आरजेडी और तेजस्वी यादव के खिलाफ उनके बयानों की खूब चर्चा हो रही है.
अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने मोकामा चुनाव को 'व्यक्ति बनाम व्यवस्था' और 'सहानुभूति बनाम कानून का राज' की लड़ाई में बदल दिया था. उनके साथ पिछड़े और दलित सहयोगियों की गिरफ्तारी एक सावधानीपूर्वक तैयार की गई राजनीतिक और प्रशासनिक रणनीति थी. यह रणनीति जातीय संतुलन साधकर प्रशासन की निष्पक्षता का संदेश देने और साथ ही अनंत सिंह के संगठनात्मक आधार को चुनाव से ठीक पहले कमजोर करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करती थी.
bihar assembly election 2025: दुलारचंद की हत्या का आरोप अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगा. अब इसी मामले में अनंत सिंह जेल के अंदर हैं. जिस दुलारचंद यादव की हत्या हुई वे जन सुराज के समर्थक बताए जा रहे हैं. दुलारचंद यादव की हत्या के बाद लगभग 36 घंटे तक मोकामा से लेकर बाढ़ तक के इलाके में बवाल होता रहा.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधनों एनडीए और महागठबंधन ने अपने-अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं. महागठबंधन का 'संकल्प पत्र' नौकरी, स्थायीकरण और वित्तीय सुरक्षा की गारंटी देने की ओर अग्रसर है. जबकि एनडीए 125 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया गया है. 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड और 50 लाख पक्के मकान का वादा, गरीब और निम्न मध्यम वर्ग को लुभाने का स्पष्ट संदेश है.
Bihar Assembly Election 2025: नीतीश कुमार की आलोचना महिलाओं को लेकर इसलिए भी की गई क्योंकि कभी उन्होंने स्त्री पुरुष संबंधों को लेकर सदन के भीतर कुछ अटपटा बोल दिया, कभी चुनावी मंच पर महिलाओं के गले में माला डाल दिया.
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए आम आदमी पार्टी के लीडर संजय सिंह पटना पहुंचे. उन्होंने कहा कि जहां-जहां आम आदमी पार्टी पहुंची है, वहां जनता ने ईमानदारी को वोट दिया है. गुजरात में हमारे विधायक जनता की आवाज़ बने हैं, अब बिहार में भी जनता बदलाव करेगी.
पिछले प्रदर्शन में कांग्रेस का सबसे खराब स्ट्राइक रेट रहा. 2020 बिहार विधानसभा चुनाव को देखें, तो इस चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह केवल 19 सीटें ही जीत पाई. 27% के बेहद कम स्ट्राइक रेट के साथ, कांग्रेस का प्रदर्शन महागठबंधन के अन्य घटक दलों की तुलना में सबसे खराब रहा. महागठबंधन में सबसे अधिक सीटें लेकर भी कमज़ोर परिणाम देना तेजस्वी और लालू यादव के लिए हमेशा तनाव का विषय रहा है.
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा-17 के मुताबिक एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में किसी व्यक्ति का नाम नहीं होगा. अगर इस नियम का उल्लंघन किया जाता है तो जन प्रतिनिधिनित्व अधिनियम 1960 की धारा-31 के तहत एक वर्ष का करावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.