चारधाम यात्रा मार्ग पर गुड न्यूज़ टुडे की टीम की मुलाक़ात केदारनाथ जा रहे अनोखे भक्तों से हुई। एक भक्त विश्वनाथ दास, कन्याकुमारी से 18 नवंबर 2024 को पैदल यात्रा पर निकले थे, मार्ग में पैर के नाखून निकलने जैसी कठिनाइयों के बावजूद, वह केदारनाथ में जल चढ़ाने के संकल्प पर अडिग हैं। विश्वनाथ दास ने कहा कि वह दो घड़े जल लाए हैं, "एक तो मेरे लिए और एक हिंदुस्तान भारत हिंदू राष्ट्र बन जाए इसीलिए लाया हूँ"। एक अन्य भक्त, जो कोलकाता से हैं, 60वीं बार केदारनाथ यात्रा कर रहे हैं और उन्होंने यात्रा सुविधाओं में हुए सुधारों का उल्लेख किया।
चार धाम यात्रा आरम्भ हो चुकी है, बाबा केदार की पंचमुखी डोली गौरीकुंड की ओर बढ़ रही है। यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा, भोजन और ठहरने के इंतज़ाम किए गए हैं, साथ ही 24 घंटे चलने वाले भंडारे भी सेवा दे रहे हैं। एक श्रद्धालु विनोद सैनी ने कहा, "पेट भर गया, मन नहीं भरा।" कठिन चढ़ाई के लिए खच्चर और पालकी की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसका स्थानीय लोगों को छह महीने इंतज़ार रहता है।
अयोध्या में एक नई परंपरा का आरंभ हुआ जब हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास जी, जिन्हें हनुमान जी का प्रतिनिधि माना जाता है, पहली बार रामलला के दर्शन हेतु निकले। भव्य शोभायात्रा और संतों की उपस्थिति में सरयू स्नान के पश्चात, महंत ने रामलला को छप्पन भोग अर्पित किए। एक संत ने कहा, "हनुमान जी महाराज ने प्रेरणा दिया गदिन सिंह जी को... हनुमान जी को ले चल रहे हैं राम जी से मिलवाने।"
ज्योतिषीय परामर्श में तुला, वृश्चिक और धनु राशि के जातकों के लिए आज के दिन के उपाय बताये गए, जिसमें विभिन्न वस्तुओं का दान और मंत्र जाप शामिल है। तुला राशि वालों को सफेद वस्तुओं, वृश्चिक को लाल वस्तुओं और धनु राशि वालों को पीली वस्तुओं का दान करने की सलाह दी गयी है। साथ ही, मूलांक 5 और 6 के जातकों के लिए भी विशेष दान, पूजा और रत्न खरीदने के सुझाव दिए गए। चर्चा में यह भी बताया गया कि सबसे सस्ता दान आंवला है और सबसे बड़ा दान भगवान के नाम का जाप है, साथ ही एक व्यावहारिक टिप दी गयी: "आप उसके घर पहुंचे और उसने अपना मोबाइल उठाके साइड में रख दिया तो समझिये" की आपका सम्मान किया गया।
मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए शनि के प्रभाव अनुसार उपाय बताए गए हैं, जिनमें तेल, तिल, वस्त्र, छाता, चटाई और अन्न दान शामिल हैं। मूलांक 7 (केतु), 8 (शनि) और 9 (मंगल) के जातकों हेतु भी दान के सुझाव दिए गए हैं, जैसे झंडा, पुस्तकें, चाय पत्ती, काले तिल, और रामायण। एक महत्वपूर्ण विचार साझा किया गया: "देखिये जीवन में जो चीज़ हम रिसीव करना चाहते हैं वही हमें देनी चाहिए। चाहे वो दान हो, चाहे वो आपकी वाणी हो, चाहे वो आपके शब्द हो।"
अक्षय तृतीया पर माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्रों और उपायों पर चर्चा की गयी। बताया गया कि 'देही सौभाग्य मरोग्यम देही में परमं सुखम' मंत्र से आरोग्य और परम सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही, घर की लक्ष्मी यानी स्त्रियों के सम्मान और श्री यंत्र पूजन का महत्व भी समझाया गया।
Lord Parshuram: माता रेणुका और महर्षि जमदग्नि के पुत्र परशुराम जी महादेव भोलेनाथ के परम भक्त थे. भगवान परशुराम को चिरंजीवी रहने का वरदान मिला है. उनका वर्णन रामायण और महाभारत दोनों काल में होता है. भगवान परशुराम से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं. हम आपको बता रहे हैं कि क्यों परशुराम जी ने अपनी मां की गर्दन काट दी थी और क्यों क्षत्रियों का 21 बार संहार किया था?
ईश्वर की उपासना में फूलों का विशेष महत्व है, लेकिन ज्योतिष जानकार मानसिक फूल को सबसे प्रभावी मानते हैं। मानसिक पूजा में गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य मन से अर्पित किए जाते हैं; कहा गया है, "ये प्रभो मैं आपको कमल पुष्प प्रदान कर रहा हूँ तो ईश्वर को कमल पुष्प प्राप्त हो जाता है।" पूजन में फूल भगवान के चरणों में अर्पित करने चाहिए, हालांकि बिल्वपत्र शिवजी पर उलटकर चढ़ाया जा सकता है।
फूल शुभता और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं और पूजा में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। गेंदे के फूल बृहस्पति ग्रह से सम्बंधित हैं और ज्ञान दिलाते हैं, वहीं गुलाब का फूल प्रेम और आर्थिक स्थिति सुधारता है। कमल का फूल आध्यात्मिक उन्नति और संतान प्राप्ति में सहायक है, जबकि देवी को गुड़हल अर्पित करने से शत्रुओं से राहत मिलती है।
आज अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती है, इसी दिन चार धाम यात्रा भी शुरू हुई है। अक्षय का अर्थ है जिसका कभी क्षय न हो; आज किया गया कोई भी निवेश, खरीदारी या मांगलिक कार्य स्थिर रहता है और उसका फल अक्षय होता है। आज के दिन दान का भी विशेष महत्व है, कहा जाता है कि दान का हजारों गुना फल प्राप्त होता है।
अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी, जिसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है. क्योंकि 'इस दिन किए गए कर्मों का फल कभी नष्ट नहीं होता'. इस तिथि पर सोना खरीदना, दान पुण्य करना और बिना मुहूर्त देखे कोई भी मांगलिक कार्य करना अत्यंत शुभ माना गया है. इस वर्ष चंद्रमा और बृहस्पति के संयोग से गजकेसरी योग जैसे विशेष ग्रहों के योग भी बन रहे हैं.