Ram Mandir Flag Hoisting: अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुख्य शिखर पर 25 नवंबर 2025 को ध्वजारोहण किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ध्वजारोहण करेंगे. ध्वजारोहण कार्यक्रम के कारण श्रद्धालु 24 और 25 नवंबर को राम मंदिर के दर्शन नहीं कर सकेंगे.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने प्रवचन में सुंदरकांड के पांच प्रमुख लाभों पर प्रकाश डाला, जिनमें श्रीराम की भक्ति, संकट निवारण और आत्मविश्वास की प्राप्ति शामिल है. उन्होंने आधुनिक समाज की आलोचना करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कार और इंसानियत सिखाना सर्वोपरि है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, 'तुम अपने बच्चे को बीए पढ़ाओ एमए पढ़ाओ, पीएचडी पढ़ाओ... पर एक प्रार्थना है उनको सबसे पहले इंसान बनाओ कट्टर हिंदू बनाओ.' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि बच्चे संस्कारी और इंसान नहीं बन पाए तो उनकी शिक्षा और सफलता किसी काम की नहीं है. शास्त्री ने परिवारों के टूटने और युवाओं के अपने माता-पिता से दूर होने पर भी चिंता व्यक्त की. देखिए अच्छी बात.
IRCTC पैकेज लेकर आया है जिसमें आप देश के सात ज्योतिर्लिंगो और कई मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं. साथ ही इस पैकेज को आप इएमआई के तौर पर किस्तों में भी भर सकते हैं.
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेन्द्र शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा का आज यानी 12 नवंबर को छठा दिन है. इस पदयात्रा में हजारों श्रद्धालु और कई हस्तियां शामिल हो ही हैं. इस पदयात्रा में सिंगर से लेकर क्रिकेटर तक और साधु-संतों से लेकर राजनीतिक हस्तियां तक शामिल हुई हैं. ये पदयात्रा 16 नवंबर को बांके बिहारी मंदिर पर समाप्त होगी. ये पदयात्रा 170 किलोमीटर की है.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रामचरितमानस की एक चौपाई पर चल रहे विवाद पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. उन्होंने 'ढोल, गवार, शूद्र, पशु, नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी' का अर्थ समझाते हुए कहा कि यहाँ 'ताड़ना' का मतलब पीटना नहीं, बल्कि उन पर विशेष ध्यान या नज़र रखना है ताकि वे सही रास्ते पर रहें. प्रवचन के दौरान, उन्होंने बागेश्वर धाम की भभूति के प्रयोग की विधि और उसके साथ जुड़े मंत्र 'ओम बागेश्वराय बीर बीराय उम फट स्वाहा' का भी विस्तार से वर्णन किया, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि भक्तों को डॉक्टरी इलाज नहीं छोड़ना चाहिए. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'गोस्वामी जी देखने की बात कर रहे है ना की पीटने की बात कर रहे है.' देखिए अच्छी बात.
Ekadashi Vrat Shuru krne ke Niyam: इस साल उत्पन्ना एकादशी 15 नवंबर को है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है. यदि कोई श्रद्धालु एकादशी व्रत का शुभारंभ करने वाला है तो उसके लिए उत्पन्ना एकादशी सबसे उत्तम है. आइए जानते हैं क्यों?
महाभारत काल के साक्षी रहे श्रृंगी ऋषि आश्रम के समेकित विकास के लिए राज्य सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2025-26 में 2 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है. यह कदम जिले को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आइए श्रृंगी ऋषि आश्रम के बारे में जानते हैं.
इस साल कालभैरव अष्टमी 12 नवंबर को मनाई जा रही है. मान्यता है कि भगवान शिव ने इसी तिथि पर कालभैरव अवतार लिया था. इनकी उपासना से भय और अवसाद का नाश होता है. व्यक्ति को अदम्य साहस मिल जाता है. शनि और राहु की बाधाओं से मुक्ति के लिए भैरव की पूजा अचूक होती है.
बाबा बागेश्वर की 'सनातन एकता पदयात्रा' चल रही है. आज यानी 11 नवंबर को पदयात्रा का 5वां दिन है. इस यात्रा का समापन 16 नवंबर को होगा. सनातन एकता पदयात्रा में बाबा बागेश्वर के 7 संकल्प दिला रहे हैं. इसमें भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और समाज से भेदभाव समाप्त करना शामिल है.
अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री अर्जुन और हनुमान के बीच हुई एक शर्त के बारे में बता रहे हैं. अपने धनुर्विद्या के अहंकार में अर्जुन ने हनुमान जी को चुनौती दी कि वह बाणों से ऐसा पुल बना सकते हैं जो किसी का भी भार सह ले. शर्त यह थी कि अगर पुल टूटा तो अर्जुन अपने प्राण त्याग देंगे. कथावाचक के अनुसार, अर्जुन ने कहा, 'अगर हम पुल बनाएंगे बाणों से और तुम चल करके जाना अगर पुल टूट जाएगा तो हम क्षत्रिय हैं, हम प्राण ले करके कहते हैं तुरंत चिता में जल करके अपने प्राण त्याग देंगे.' पहली बार में हनुमान जी के पैर रखते ही पुल टूट गया, जिसके बाद भगवान कृष्ण को ब्राह्मण वेश में आकर अर्जुन के प्राणों की रक्षा करनी पड़ी और उनका घमंड दूर करना पड़ा. इस घटना के बाद ही हनुमान जी ने महाभारत युद्ध में अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजमान होने का वचन दिया.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन हिंदू एकता पदयात्रा पर निकले हैं. आज यानी 10 नवंबर को पदयात्रा का चौथा दिन है. धीरेंद्र शास्त्री 170 किलोमीटर की यात्रा पर हैं. इस दौरान वो दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की यात्रा कर रहे हैं.