अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता बजरंगबली हैं. धीरेंद्र शास्त्री कह रहे हैं कि भाग्य विधाता प्रभु भक्तों पर करते हैं विशेष कृपा..देखिए अच्छी बात धीरेंद्र शास्त्री के साथ
ज्योतिषास्त्र में फूलों को मनोकामना पूर्ति का साधन माना जाता है. इन फूलों के रंगों से ही जीवन में सफलता के रंग भरे जा सकते हैं. फूलों के प्रयोग से संकटों का समाधान संभव है. शिक्षा और प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए, वैवाहिक समस्याओं को दूर करने के लिए और धन की किल्लत समाप्त करने के लिए फूलों के महाउपाय बताए गए हैं. करियर में सफलता और समाज में मान-सम्मान पाने के लिए भी रंग-बिरंगे फूलों का प्रयोग किया जाता है. नवग्रह की बाधाओं के लिए अलग-अलग रंगों के फूलों का उपयोग होता है, साथ ही ईश्वर के विभिन्न स्वरूपों की उपासना भी अलग-अलग फूलों से की जाती है. शिक्षा में सफलता और प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होने के लिए माता सरस्वती को पीले और सफेद पुष्प, विशेषकर गेंदे का पीला फूल, अर्पित करना उत्तम माना गया है. भगवान विष्णु या भगवान कृष्ण को पीले फूल अर्पित करने से भी विद्या के क्षेत्र में लाभ होता है. लाल रंग के पुष्प माता को अर्पण करने से भी विद्या संबंधी मनोकामनाएं तुरंत पूरी होती हैं. नौकरी में सफलता के लिए महाकाली को गुड़हल का फूल अर्पित करने से मुश्किलों का अंत होता है. देवगुरु बृहस्पति को पीले कनेर, पीले गेंदे और पीले गुड़हल के फूल प्रिय हैं, इन्हें अर्पित करने से सम्मान में वृद्धि होती है. मान-सम्मान के लिए जल में गुड़हल का फूल डालकर सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. करियर में सफलता के लिए जल में गुलाब की पंखुड़ियां डालकर सूर्य को जल अर्पित करें. कार्यालय की समस्याओं के लिए हर शनिवार को मां काली को गुड़हल का फूल अर्पित करें.
कर्नाटक के कोलार जिले के कामां सांद्रा गांव में स्थित कोटिंगलेश्वर धाम महादेव का एक अद्भुत मंदिर है. यह मंदिर दुनिया के सबसे ऊंचे शिवलिंग के लिए जाना जाता है, जिसकी ऊंचाई 108 फीट है. मंदिर परिसर में हजारों-लाखों की संख्या में छोटे शिवलिंग भी मौजूद हैं. मान्यता है कि जिस भक्त की मन्नत पूरी हो जाती है, वह अपनी श्रद्धा अनुसार एक से तीन फीट तक का शिवलिंग यहां स्थापित करता है. इसी कारण शिवलिंगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. विशाल शिवलिंग के सामने 35 फीट ऊंचा नंदी विराजमान है, जो एक सात फीट लंबे, 40 फुट चौड़े और चार फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थित है. मंदिर परिसर में कोटिंगलेश्वर के मुख्य मंदिर के अलावा 11 अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें ब्रह्मा जी, विष्णु जी, अन्नपुर्णेश्वरी देवी, वेंकट रमानी स्वामी, पांडुरंग स्वामी, पंचमुख गणपति, रामलक्ष्मण और सीता के मंदिर प्रमुख हैं. यह भी मान्यता है कि मंदिर परिसर में मौजूद दो वृक्षों पर पीले धागे बांधने से हर मनोकामना पूरी होती है, विशेषकर विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं.
बाबा बर्फानी के भक्तों का इंतजार खत्म हो गया है. शुभ समाचार में आज घाटी से शुभ तस्वीरें सामने आई हैं, जहां हर हर महादेव और जय बाबा भोलेनाथ की गूंज के साथ अमरनाथ यात्रा का श्री गणेश हो चुका है. आज सुबह बाबा बर्फानी के दर्शन करके भक्त अभिभूत हो रहे हैं. सुबह के पहर में अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी की इस साल की पहली मंगला आरती हुई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए. पहला जत्था सुरक्षा के बीच रवाना हो गया है. यह वो शुभ तस्वीर है जिसका बाबा के भक्तों को पूरे साल इंतजार रहता है. 38 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो गया है और यह 9 अगस्त तक चलेगी.
अमरनाथ की पवित्र गुफा में बनने वाला हिमलिंग विज्ञान के लिए एक बड़ी चुनौती है, जबकि श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है.
दलाई लामा, तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता, न सिर्फ तिब्बतियों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति और करुणा का प्रतीक हैं. 2025 में अपने 90वें जन्मदिन से पहले, दलाई लामा ने साफ कर दिया कि उनकी संस्था (Institution of Dalai Lama) जारी रहेगी, और उनका उत्तराधिकारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा चुना जाएगा.
अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार खास इंतजाम किए गए हैं. विशेष तौर पर बालटाल मार्ग पर काफी कुछ देखने को मिल रहा है. सिक्योरिटी के नजरिए से भी यात्रा के दोनों मार्गों पर कड़ी सुरक्षा की गई है.
अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि प्रभु के भक्त कभी उदास नहीं होते. धीरेंद्र शास्त्री कह रहे हैं कि ईश्वर की भक्ति से शक्तिशाली होंगे. बजरंगबली करेंगे सब मंगल..देखिए अच्छी बात धीरेंद्र शास्त्री के साथ
पहलगाम, जो कुछ दिन पहले आतंकी हमले की वजह से चर्चा में था, आज वहाँ की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है. जम्मू से शिव भक्तों का पहला जत्था पहलगाम के बेस कैंप पहुंचा तो उनका जबरदस्त स्वागत हुआ. पहलगाम पहुंचे श्रद्धालु बेहद खुश हैं और उनके मन में कोई भय या दुविधा नहीं है. आतंकी हमले के बाद यात्रा पर असर पड़ने की जो आशंका थी, उसे इन तस्वीरों ने खारिज कर दिया है. यात्रियों ने कहा कि उन्हें डर नहीं, विश्वास है. बाबा बर्फानी पर भरोसा है और भारतीय सेना पर भी. एक श्रद्धालु ने कहा, "हमें अपने इंडिया में गर्व है अपने आर्मी पे गर्व है सर हमें अपने आर्मी पे गर्व है की कोई दिक्कत नहीं होगा." स्थानीय लोगों ने फूलमालाओं से यात्रियों का अभिनंदन किया, जो कश्मीर की परंपरा और संस्कृति 'अतिथि देवो भवा' को दर्शाता है. पहलगाम में श्रद्धालुओं के लिए ठहरने, खाने और मेडिकल सुविधाओं तक का पूरा इंतजाम है. सरकार और सुरक्षा बलों ने सुरक्षा की पुख्ता तैयारी की है. यात्रा मार्ग पर चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हैं और सीसीटीवी कैमरा से निगरानी हो रही है. अमरनाथ यात्रा 2025 हर दिन नई भक्ति का संदेश दे रही है, यह सिर्फ यात्रा नहीं आस्था का उत्सव है.
अमरनाथ यात्रा कल से शुरू हो रही है। आज बुधवार की सुबह जम्मू के बेस कैंप से यात्रियों का पहला जत्था कड़ी सुरक्षा के साथ रवाना हुआ। इस मौके पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मौजूद रहे, जिन्होंने अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया। यात्रियों में भगवान भोलेनाथ के प्रति भक्ति और राष्ट्र भक्ति दोनों एक साथ देखने को मिली।
अमरनाथ गुफा में इस साल करीब एक महीने पहले शिवलिंग ने आकार ले लिया था. मान्यता है कि अमरनाथ गुफा में शिवजी ने माँ पार्वती को अमरत्व का मंत्र सुनाया था और यहाँ लंबे वक्त तक तपस्या भी की थी. यही वजह है कि हर साल यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दिव्य दर्शन के लिए पहुंचते हैं.