Lord Shri Ram: राम नाम की महिमा अद्वितीय है. यह न केवल आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि जीवन को सुख, शांति और सफलता से भर देता है. भगवान राम ने स्वयं कहा था-कलयुग में जो राम नाम जपेगा वही व्यक्ति इस कली के प्रभाव से बचेगा.
Significance of Tilak in Hinduism: तिलक हिंदू परंपरा का अभिन्न हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक बल्कि स्वास्थ्य और ऊर्जा संतुलन में भी मदद करता है. कोई भी पूजा बिना तिलक के अधूरी मानी जाती है. आइए जानते हैं तिलक लगाने के नियम और इसके लाभ.
Aam Aadmi Party: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वीं शहीदी दिवस पर आयोजित कीर्तन दरबार में कहा कि गुरु साहिब जैसा बलिदान इतिहास में नहीं मिलता है. हिंदू धर्म को बचाने के लिए श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने दिल्ली के चांदनी चौक में अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया. पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि 24 नवंबर को पहली बार विधानसभा का विशेष सत्र श्री आनंदपुर साहिब में होगा, जिसमें ऐतिहासिक फैसले लिए जाएंगे.
बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा में अभिमान त्यागकर भक्ति अपनाने का संदेश दिया. उन्होंने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति को अपने हृदय में अभिमान नहीं, बल्कि भगवान को जगाना चाहिए, जिससे वह बिखरेगा नहीं बल्कि निखरेगा. कथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'जिसे मैं की हवा लगी, उसे न कभी दुआ लगी, न दवा लगी'. उन्होंने चंगीलाल और मंगीलाल की कहानी के माध्यम से समझाया कि कैसे इंसान छोटे-छोटे कामों का भी बखान करता है, जबकि हनुमान जी जैसे भक्त सिर्फ प्रभु का काम करने में विश्वास रखते हैं, बताने में नहीं. उन्होंने कहा कि कथा सुनने से न केवल पाप, बल्कि अभिमान भी दूर होता है और हृदय में भक्ति का संचार होता है. देखिए अच्छी बात
हनुमान जी कलयुग के सबसे प्रभावशाली देव माने जाते हैं. हनुमान जी की उपासना में एक तरीका इनके द्वादश (बारह) नाम के पाठ का भी है. ये नाम हनुमान , अंजनीसुत , वायुपुत्र , महाबल , रामेष्ट , फाल्गुनसखा , पिंगाक्ष , अमितविक्रम , उदधिक्रमण , सीताशोकविनाशन , लक्षमणप्राणदाता और दशग्रीवदर्पहा है.
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण होने वाला है. धर्म ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी. भगवा रंग का यह विशेष झंडा 42 फीट लंबे खंभे पर 360 डिग्री घूमने वाली व्यवस्था के साथ फहराया जाएगा. ये देश में पहली बार होगा, जब किसी मंदिर के शिखर पर 191 फीट की ऊंचाई पर ध्वज फहराया जाएगा.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जीवन के विभिन्न चरणों पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने युवाओं के लिए विशेष सलाह दी. उन्होंने 18 से 25 वर्ष की आयु को एक 'बहुत ही सेंसिटिव अवस्था' बताया और युवाओं को इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करने का आग्रह किया. शास्त्री ने कहा, 'चलचित्र देखकर अपने तेज को नष्ट मत करो वासना की बातें सुनकर यह देखकर तेज को नष्ट मत करो. जो अपने तेज को नष्ट करता है, उसकी याददाश्त कमजोर होती है और चेहरा की चमक चली जाती है.' उन्होंने 50 वर्ष की आयु तक नीतिपूर्वक धन कमाने और उसके बाद का जीवन कथाओं और तीर्थ यात्राओं में बिताने का सुझाव दिया. उन्होंने श्रोताओं को अपने बच्चों को माला देने के लिए भी प्रोत्साहित किया ताकि वे ईश्वर का नाम जप सकें.
राम नगरी अयोध्या में मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण होगा. इसके साथ ही मंदिर के निर्माण का काम पूरा हो जाएगा. किसी भी मंदिर के शिखर पर ध्वज स्थापित करना केवल एक विधि-विधान नहीं होता, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है. ध्वजारोहण मंदिर के निर्माण कार्य की पूर्णता को दिखाता है.
अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री भगवान राम के पवित्र चरित्र की महिमा का वर्णन किया है, जिसमें हनुमान जी को शंकर का अवतार बताया गया है. कथा में रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी और श्रीराम के संवाद का मार्मिक चित्रण है. मंदोदरी अपने पति रावण की हार और राम की जीत का कारण पूछती हैं. श्रीराम के चरित्र की महानता पर प्रकाश डालते हुए मंदोदरी कहती हैं, 'एक मेरा पति था जो दूसरों की स्त्री को अपना बनाना चाहता था और एक राम तुम हो छाया देख कर के भी माँ से सम्बोधित करते हो, ऐसा चरित्र राम का.' कथावाचक समझाते हैं कि व्यक्ति का चित्र नहीं, बल्कि चरित्र शुद्ध होना चाहिए और अंत में व्यक्ति के साथ केवल उसके कर्मों की कमाई ही जाती है, धन-दौलत या परिवार नहीं. यह कथा जीवन में सदाचार और अच्छे कर्मों के महत्व पर जोर देती है. देखिए अच्छी बात.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा' का मथुरा में समापन हो गया है. इस यात्रा का उद्देश्य धर्म, आस्था और एकता का संदेश देना था, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए. यात्रा के समापन पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संकल्पों को दोहराया, जिसमें सामाजिक समरसता और हिंदू एकता पर जोर दिया गया. हमारे संवाददाता से बात करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'बस जो संकल्प लेके चले हैं वो पूर्ण हो जाए. हिंदू समाज. जो जागा है जो सड़कों पर आया है वो अपने पांच पांच रिश्तेदारों को जगाये और ब्रज क्षेत्र मास मदरा मुक्त हो जाये।' उन्होंने यह भी कहा कि यह विचारों की यात्रा है और इससे दुनिया ने हिंदुओं की ताकत देखी है. शास्त्री ने स्पष्ट किया कि तन से यात्रा भले ही विराम लेगी, लेकिन भारत के हिंदुओं को जगाने का उनका पुरुषार्थ मन से जारी रहेगा.
दिल्ली में एक कथा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने श्रोताओं को भगवान पर अटूट भरोसे का महत्व समझाया. उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे एक साधारण व्यक्ति से आज वे देश-विदेश में कथा कर रहे हैं. उन्होंने अपनी दिल्ली यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि कभी वह लाल किला और चांदनी चौक देखने का सोचते थे, और बाद में पीएम हाउस के अंदर जाने की इच्छा हुई, जो बालाजी की कृपा से संभव हुआ. प्रवचन में उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि बालाजी की कृपा तुम लोगों पर होगी, तुम्हें है या नहीं, ये तुम्हारा मामला है'. उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम का भी उल्लेख किया, जिसमें गुरुग्राम में प्रवचन और दादरी के खटाना गांव में 108 फ़ीट के झंडे का अनावरण शामिल था.