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धर्म

Hanuman Ji (Photo/Gemini AI)

हनुमान जी के 12 नाम कौन से हैं? उनकी उपासना अत्यंत प्रभावशाली क्यों मानी जाती है ?

18 नवंबर 2025

हनुमान जी कलयुग के सबसे प्रभावशाली देव माने जाते हैं. हनुमान जी की उपासना में एक तरीका इनके द्वादश (बारह) नाम के पाठ का भी है. ये नाम हनुमान , अंजनीसुत , वायुपुत्र , महाबल , रामेष्ट , फाल्गुनसखा , पिंगाक्ष , अमितविक्रम , उदधिक्रमण , सीताशोकविनाशन , लक्षमणप्राणदाता और दशग्रीवदर्पहा है.

Ram Temple (Photo/PTI)

22 फीट लंबा, 11 फीट चौड़ा... देश में सबसे ऊंचा होगा राम मंदिर के शिखर का ध्वज

18 नवंबर 2025

अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण होने वाला है. धर्म ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी. भगवा रंग का यह विशेष झंडा 42 फीट लंबे खंभे पर 360 डिग्री घूमने वाली व्यवस्था के साथ फहराया जाएगा. ये देश में पहली बार होगा, जब किसी मंदिर के शिखर पर 191 फीट की ऊंचाई पर ध्वज फहराया जाएगा.

उम्र के हिसाब से बदलते हैं जीवन के नियम, देखिए अच्छी बात धीरेंद्र शास्त्री के साथ

18 नवंबर 2025

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जीवन के विभिन्न चरणों पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने युवाओं के लिए विशेष सलाह दी. उन्होंने 18 से 25 वर्ष की आयु को एक 'बहुत ही सेंसिटिव अवस्था' बताया और युवाओं को इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करने का आग्रह किया. शास्त्री ने कहा, 'चलचित्र देखकर अपने तेज को नष्ट मत करो वासना की बातें सुनकर यह देखकर तेज को नष्ट मत करो. जो अपने तेज को नष्ट करता है, उसकी याददाश्त कमजोर होती है और चेहरा की चमक चली जाती है.' उन्होंने 50 वर्ष की आयु तक नीतिपूर्वक धन कमाने और उसके बाद का जीवन कथाओं और तीर्थ यात्राओं में बिताने का सुझाव दिया. उन्होंने श्रोताओं को अपने बच्चों को माला देने के लिए भी प्रोत्साहित किया ताकि वे ईश्वर का नाम जप सकें.

Ayodhya Ram Temple (Photo/PTI)

राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण की भव्य तैयारी, क्या है धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व?

17 नवंबर 2025

राम नगरी अयोध्या में मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण होगा. इसके साथ ही मंदिर के निर्माण का काम पूरा हो जाएगा. किसी भी मंदिर के शिखर पर ध्वज स्थापित करना केवल एक विधि-विधान नहीं होता, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है. ध्वजारोहण मंदिर के निर्माण कार्य की पूर्णता को दिखाता है.

राम बनाएंगे आपके बिगड़े काम, देखिए अच्छी बात धीरेंद्र शास्त्री के साथ

17 नवंबर 2025

अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री भगवान राम के पवित्र चरित्र की महिमा का वर्णन किया है, जिसमें हनुमान जी को शंकर का अवतार बताया गया है. कथा में रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी और श्रीराम के संवाद का मार्मिक चित्रण है. मंदोदरी अपने पति रावण की हार और राम की जीत का कारण पूछती हैं. श्रीराम के चरित्र की महानता पर प्रकाश डालते हुए मंदोदरी कहती हैं, 'एक मेरा पति था जो दूसरों की स्त्री को अपना बनाना चाहता था और एक राम तुम हो छाया देख कर के भी माँ से सम्बोधित करते हो, ऐसा चरित्र राम का.' कथावाचक समझाते हैं कि व्यक्ति का चित्र नहीं, बल्कि चरित्र शुद्ध होना चाहिए और अंत में व्यक्ति के साथ केवल उसके कर्मों की कमाई ही जाती है, धन-दौलत या परिवार नहीं. यह कथा जीवन में सदाचार और अच्छे कर्मों के महत्व पर जोर देती है. देखिए अच्छी बात.

बाबा बागेश्वर की एकता यात्रा का समापन, ब्रज को मांस-मदिरा मुक्त करने और हिंदुओं को जगाने का संकल्प

16 नवंबर 2025

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा' का मथुरा में समापन हो गया है. इस यात्रा का उद्देश्य धर्म, आस्था और एकता का संदेश देना था, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए. यात्रा के समापन पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संकल्पों को दोहराया, जिसमें सामाजिक समरसता और हिंदू एकता पर जोर दिया गया. हमारे संवाददाता से बात करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'बस जो संकल्प लेके चले हैं वो पूर्ण हो जाए. हिंदू समाज. जो जागा है जो सड़कों पर आया है वो अपने पांच पांच रिश्तेदारों को जगाये और ब्रज क्षेत्र मास मदरा मुक्त हो जाये।' उन्होंने यह भी कहा कि यह विचारों की यात्रा है और इससे दुनिया ने हिंदुओं की ताकत देखी है. शास्त्री ने स्पष्ट किया कि तन से यात्रा भले ही विराम लेगी, लेकिन भारत के हिंदुओं को जगाने का उनका पुरुषार्थ मन से जारी रहेगा.

'खुद पर भरोसा टूटेगा, भगवान पर नहीं', धीरेन्द्र शास्त्री ने सुनाई अपनी कहानी

16 नवंबर 2025

दिल्ली में एक कथा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने श्रोताओं को भगवान पर अटूट भरोसे का महत्व समझाया. उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे एक साधारण व्यक्ति से आज वे देश-विदेश में कथा कर रहे हैं. उन्होंने अपनी दिल्ली यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि कभी वह लाल किला और चांदनी चौक देखने का सोचते थे, और बाद में पीएम हाउस के अंदर जाने की इच्छा हुई, जो बालाजी की कृपा से संभव हुआ. प्रवचन में उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि बालाजी की कृपा तुम लोगों पर होगी, तुम्हें है या नहीं, ये तुम्हारा मामला है'. उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम का भी उल्लेख किया, जिसमें गुरुग्राम में प्रवचन और दादरी के खटाना गांव में 108 फ़ीट के झंडे का अनावरण शामिल था.

कलियुग में कैसे होगा कल्याण? महाराज ने बताया ईश्वर को पाने का सरल उपाय और जीवन का सच्चा लक्ष्य

15 नवंबर 2025

एक आध्यात्मिक प्रवचन में, महाराज ने कलियुग में जीवों के कल्याण का मार्ग बताया और कहा कि आधुनिक युग में आलस्य और भोग-विलास में डूबे मनुष्य के लिए ईश्वर की भक्ति करना कठिन होगा. उन्होंने कहा कि गुरु के मार्गदर्शन से ही ठाकुर जी की शरण में जाकर भगवद् प्राप्ति संभव है. जीवन के वास्तविक लक्ष्य पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, 'जीवन का लक्ष्य है गुरु के चरणों को पकड़ करके गोविंद को प्राप्त कर लेना, भगवान को पा लेना ही जिन्दगी का लक्ष्य है'. महाराज ने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे धन, प्रसिद्धि और सांसारिक उपलब्धियों को जीवन का अंतिम उद्देश्य न मानें. उन्होंने पंडाल में मौजूद लोगों से प्रतिदिन गोविंद का नाम जपने का प्रण लेने का आह्वान किया, ताकि यह अनमोल मानव जीवन व्यर्थ न जाए.

कन्या राशि वालों के जीवन में आने वाला है बड़ा बदलाव, रिश्ते होंगे ठीक

15 नवंबर 2025

कन्या राशि वालों के लिए आज का दिन बेहद खास होने वाला है. उनके जीवन में नई राहें खुलेंगी, नए ऑफर्स आएंगे और काम या व्यवसाय में वृद्धि देखने को मिल सकता है

चिंता छोड़ वर्तमान में जीना सीखें, जानिए हनुमान जी के चरित्र से सफलता के अचूक सूत्र

14 नवंबर 2025

अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वर्तमान में जीने और चिंता मुक्त रहने की कला सिखाई. उन्होंने बच्चों और एक अमीर सेठ की कहानी के माध्यम से समझाया कि भविष्य की अत्यधिक चिंता कैसे खुशी छीन लेती है. वक्ता ने कहा, 'जिसने तुम्हें जिंदगी दी होगी, उसने भी तो तुम्हारे लिए कुछ विचार करके बैठा होगा, और उसने जो भी सोचा होगा बेहतर नहीं, बेहतरीन सोचा होगा.' प्रवचन में संघर्ष के महत्व पर भी जोर दिया गया, जिसमें सोने के तपने और पत्थर के घिसने का उदाहरण दिया गया. हनुमान जी के चरित्र से प्रेरणा लेने की बात करते हुए, उन्होंने लंका में सीता की खोज में उनके दृढ़ संकल्प और लक्ष्य प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया. देखिए अच्छी बात.

विवाह पंचमी के दिन ही प्रभु राम और माता सीता की हुई थी शादी, फिर क्यों इस दिन वर-वधू नहीं लेते सात फेरे?

13 नवंबर 2025

Vivah Panchami Date 2025: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. इसी दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस तिथि को श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. इस बार विवाह पंचमी का पर्व 25 नवंबर 2025 (दिन मंगलवार) को मनाया जाएगा.