बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा' का मथुरा में समापन हो गया है. इस यात्रा का उद्देश्य धर्म, आस्था और एकता का संदेश देना था, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए. यात्रा के समापन पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संकल्पों को दोहराया, जिसमें सामाजिक समरसता और हिंदू एकता पर जोर दिया गया. हमारे संवाददाता से बात करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'बस जो संकल्प लेके चले हैं वो पूर्ण हो जाए. हिंदू समाज. जो जागा है जो सड़कों पर आया है वो अपने पांच पांच रिश्तेदारों को जगाये और ब्रज क्षेत्र मास मदरा मुक्त हो जाये।' उन्होंने यह भी कहा कि यह विचारों की यात्रा है और इससे दुनिया ने हिंदुओं की ताकत देखी है. शास्त्री ने स्पष्ट किया कि तन से यात्रा भले ही विराम लेगी, लेकिन भारत के हिंदुओं को जगाने का उनका पुरुषार्थ मन से जारी रहेगा.
दिल्ली में एक कथा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने श्रोताओं को भगवान पर अटूट भरोसे का महत्व समझाया. उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे एक साधारण व्यक्ति से आज वे देश-विदेश में कथा कर रहे हैं. उन्होंने अपनी दिल्ली यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि कभी वह लाल किला और चांदनी चौक देखने का सोचते थे, और बाद में पीएम हाउस के अंदर जाने की इच्छा हुई, जो बालाजी की कृपा से संभव हुआ. प्रवचन में उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि बालाजी की कृपा तुम लोगों पर होगी, तुम्हें है या नहीं, ये तुम्हारा मामला है'. उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम का भी उल्लेख किया, जिसमें गुरुग्राम में प्रवचन और दादरी के खटाना गांव में 108 फ़ीट के झंडे का अनावरण शामिल था.
एक आध्यात्मिक प्रवचन में, महाराज ने कलियुग में जीवों के कल्याण का मार्ग बताया और कहा कि आधुनिक युग में आलस्य और भोग-विलास में डूबे मनुष्य के लिए ईश्वर की भक्ति करना कठिन होगा. उन्होंने कहा कि गुरु के मार्गदर्शन से ही ठाकुर जी की शरण में जाकर भगवद् प्राप्ति संभव है. जीवन के वास्तविक लक्ष्य पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, 'जीवन का लक्ष्य है गुरु के चरणों को पकड़ करके गोविंद को प्राप्त कर लेना, भगवान को पा लेना ही जिन्दगी का लक्ष्य है'. महाराज ने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे धन, प्रसिद्धि और सांसारिक उपलब्धियों को जीवन का अंतिम उद्देश्य न मानें. उन्होंने पंडाल में मौजूद लोगों से प्रतिदिन गोविंद का नाम जपने का प्रण लेने का आह्वान किया, ताकि यह अनमोल मानव जीवन व्यर्थ न जाए.
कन्या राशि वालों के लिए आज का दिन बेहद खास होने वाला है. उनके जीवन में नई राहें खुलेंगी, नए ऑफर्स आएंगे और काम या व्यवसाय में वृद्धि देखने को मिल सकता है
अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वर्तमान में जीने और चिंता मुक्त रहने की कला सिखाई. उन्होंने बच्चों और एक अमीर सेठ की कहानी के माध्यम से समझाया कि भविष्य की अत्यधिक चिंता कैसे खुशी छीन लेती है. वक्ता ने कहा, 'जिसने तुम्हें जिंदगी दी होगी, उसने भी तो तुम्हारे लिए कुछ विचार करके बैठा होगा, और उसने जो भी सोचा होगा बेहतर नहीं, बेहतरीन सोचा होगा.' प्रवचन में संघर्ष के महत्व पर भी जोर दिया गया, जिसमें सोने के तपने और पत्थर के घिसने का उदाहरण दिया गया. हनुमान जी के चरित्र से प्रेरणा लेने की बात करते हुए, उन्होंने लंका में सीता की खोज में उनके दृढ़ संकल्प और लक्ष्य प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया. देखिए अच्छी बात.
Vivah Panchami Date 2025: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. इसी दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस तिथि को श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. इस बार विवाह पंचमी का पर्व 25 नवंबर 2025 (दिन मंगलवार) को मनाया जाएगा.
Ram Mandir Flag Hoisting: अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुख्य शिखर पर 25 नवंबर 2025 को ध्वजारोहण किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ध्वजारोहण करेंगे. ध्वजारोहण कार्यक्रम के कारण श्रद्धालु 24 और 25 नवंबर को राम मंदिर के दर्शन नहीं कर सकेंगे.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने प्रवचन में सुंदरकांड के पांच प्रमुख लाभों पर प्रकाश डाला, जिनमें श्रीराम की भक्ति, संकट निवारण और आत्मविश्वास की प्राप्ति शामिल है. उन्होंने आधुनिक समाज की आलोचना करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कार और इंसानियत सिखाना सर्वोपरि है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, 'तुम अपने बच्चे को बीए पढ़ाओ एमए पढ़ाओ, पीएचडी पढ़ाओ... पर एक प्रार्थना है उनको सबसे पहले इंसान बनाओ कट्टर हिंदू बनाओ.' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि बच्चे संस्कारी और इंसान नहीं बन पाए तो उनकी शिक्षा और सफलता किसी काम की नहीं है. शास्त्री ने परिवारों के टूटने और युवाओं के अपने माता-पिता से दूर होने पर भी चिंता व्यक्त की. देखिए अच्छी बात.
IRCTC पैकेज लेकर आया है जिसमें आप देश के सात ज्योतिर्लिंगो और कई मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं. साथ ही इस पैकेज को आप इएमआई के तौर पर किस्तों में भी भर सकते हैं.
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेन्द्र शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा का आज यानी 12 नवंबर को छठा दिन है. इस पदयात्रा में हजारों श्रद्धालु और कई हस्तियां शामिल हो ही हैं. इस पदयात्रा में सिंगर से लेकर क्रिकेटर तक और साधु-संतों से लेकर राजनीतिक हस्तियां तक शामिल हुई हैं. ये पदयात्रा 16 नवंबर को बांके बिहारी मंदिर पर समाप्त होगी. ये पदयात्रा 170 किलोमीटर की है.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रामचरितमानस की एक चौपाई पर चल रहे विवाद पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. उन्होंने 'ढोल, गवार, शूद्र, पशु, नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी' का अर्थ समझाते हुए कहा कि यहाँ 'ताड़ना' का मतलब पीटना नहीं, बल्कि उन पर विशेष ध्यान या नज़र रखना है ताकि वे सही रास्ते पर रहें. प्रवचन के दौरान, उन्होंने बागेश्वर धाम की भभूति के प्रयोग की विधि और उसके साथ जुड़े मंत्र 'ओम बागेश्वराय बीर बीराय उम फट स्वाहा' का भी विस्तार से वर्णन किया, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि भक्तों को डॉक्टरी इलाज नहीं छोड़ना चाहिए. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'गोस्वामी जी देखने की बात कर रहे है ना की पीटने की बात कर रहे है.' देखिए अच्छी बात.