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साइंस

चीनी वैज्ञानिकों की खास पहल, अंतरिक्ष में रिसर्च के लिए भेजेगा मछलियां

26 अप्रैल 2024

इन छोटी-छोटी मछलियों की अटखेलियां मनमोहक हैं. इनको देखकर आपको किसी एक्वेरियम के माहौल का एहसास हो रहा होगा है. लेकिन, आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि नदी-समंदर और एक्वेरियम तक का सफर तय कर चुकी ये मछलियां अब अंतरिक्ष की सैर पर निकल रही हैं. चीन के वैज्ञानिक इन मछलियों को लेकर अंतरिक्ष में जा रहे हैं. ताकि वहां इन्हें पाला जा सके और इन के जीवन पर पड़ने वाले असर पर गौर किया जा सके. यह अपनी तरह का पहला प्रयास है और इसके लिए खास तैयारियां भी की गई हैं.

Representational Image

मिलियन-बिलियन सालों में नहीं, अब सिर्फ 150 मिनट में बनेंगे हीरे, साइंटिस्ट्स ने ढूंढा नायाब तरीका

26 अप्रैल 2024

कोरिया के रिसर्चर्स की टीम ने एक ऐसी तकनीक बनाई है जिससे बहुत ही कम समय में हीरे बनाए जा सकेंगे और वह भी आसानी से. प्राकृतिक हीरों को बनने में सालों का समय लगता है लेकिन सिंथेटिक हीरों को कम समय में बनाया जा सकता है.

इसरो-नासा के संयुक्त मिशन निसार पर दुनिया की नजर, क्लाइमेट चेंज को लेकर इकट्ठा करेगा जानकारी

25 अप्रैल 2024

इसरो-नासा के संयुक्त मिशन निसार पर दुनिया की नजर है . निसार क्लाइमेट चेंज को लेकर जानकारी इकट्ठा करेगा. इससे आपदाओं की सूचना पहले मिल सकेगी. NISAR एक रडार मशीन है, जो धरती की सतह की निगरानी करेगा. ताकि ये पता चल सके कि आखिर धरती की सतह में किस तरह के बदलाव हो रहे हैं..पहली बार भारत और अमेरिका इतने बड़े मिशन के लिए एकसाथ काम कर रहे हैं.

Moon (File Photo PTI)

क्या है पिंक मून... क्यों यह दिखता है... अप्रैल में इस दिन आएगा नजर

22 अप्रैल 2024

Pink Full Moon 2024 Date: पिंक मून पूरी तरह से गुलाबी नहीं दिखता. चांद जब धरती के करीब हो और उसी समय पूर्णिमा हो तो पिंक फुल मून होता है. इस समय चांद का आकार सामान्य की तुलना में करीब 14 फीसदी तक बड़ा दिखता है.

Airplane (Photo: Unsplash)

आखिर कैसे एयरपोर्ट की भीड़ और फ्लाइट में होने वाली देरी से बचाएगा स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम

22 अप्रैल 2024

एयरपोर्ट पर थोड़े-थोड़े टाइम के बाद फ्लाइट आती रहती है. सीमित रनवे क्षमता, एयर ट्रैफिक, मौसम की स्थिति और चलने में आने वाली समस्याएं फ्लाइट के उड़ने में बाधा डालती हैं.  इन्हीं से निपटने के लिए स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम बनाया गया है.

Vasuki Snake

क्या सच है समुद्र मंथन वाले वासुकी नाग के अस्तित्व की कहानी...गुजरात में मिले अवशेष

19 अप्रैल 2024

गुजरात के कच्छ स्थित खदान में IIT रुड़की के वैज्ञानिकों को एक विशालकाय सर्प की रीढ़ की हड्डी के अवशेष मिले हैं. ये अवशेष 4.7 करोड़ वर्ष पुराने हैं और जिस सर्प की हड्डी के अवशेष मिले हैं वैज्ञानिकों ने उसे वासुकी इंडिकस नाम दिया है.

Ram Mandir Ayodhya (Photo: PTI)

वैज्ञानिकों ने कैसे किया भगवान राम को सूर्य तिलक, पढ़िए पूरी इनसाइड स्टोरी

17 अप्रैल 2024

रामलला के तिलक के लिए ऑप्टिकल मैकेनिकल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. वैज्ञानिक भाषा में इसको पोलराइजेशन ऑफ लाइट बोल सकते हैं. इसके लिए लेंस और मिरर का इस्तेमाल किया जाता है. सूर्य की किरण को एक जगह केंद्रित करने के लिए वैज्ञानिक इसका इस्तेमाल करते हैं.

यूके में डीपफेक के खिलाफ आया नया कानून क्या है?

17 अप्रैल 2024

यूके के न्याय मंत्रालय ने अब डीपफेक तस्वीरों को लेकर एक और सख्त कदम उठाने का एलान किया है. यूके में बनने जा रहे नए कानून के तहत यौन रूप से स्पष्ट डीपफेक इमेज बनाने को अपराध माना जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डीपफेक इमेज बनाना एक अपराध होगा, भले ही इमेज बनाने वाले ने इसे शेयर करने का इरादा किया हो या नहीं. जो कोई भी सहमति के बिना ऐसी डीपफेक इमेज बनाता है, उसे आपराधिक रिकॉर्ड और असीमित जुर्माने का सामना करना पड़ेगा.

Gopichand Thotakura (Photo: Linkedin)

जानिए कौन हैं गोपीचंद थोटाकुरा, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय

12 अप्रैल 2024

साल 1984 में पहली बार जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे तो पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा उठ गया था और अब इतने सालों बाद, कोई दूसरा भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है. हालांकि, यह पहली बार है जब कोई सिविलियन भारतीय अंतरिक्ष में जा रहे हैं.

Parkinson’s disease Day (Photo: Getty Images)

बड़ी काम की है डांस और म्यूजिक थेरेपी, पार्किंसन बीमारी को मैनेज करने में कर सकती है मदद

11 अप्रैल 2024

Parkinson’s disease Day: इस स्टडी में सामने आया है कि पार्किंसंस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है. इस बीमारी को मैनेज करने में डांस और म्यूजिक थेरेपी मदद कर सकती है. 

Space Debris (Photo: Unsplash)

जानें कैसे स्पेस में बढ़ रहा प्रदूषण और किस तरह Space Debris से हो रहा धरती को खतरा

10 अप्रैल 2024

स्पेस डेब्रिस या जिसे हम अंतरिक्ष में मौजूद कचरा कहते हैं इंसानों का फैलाया हुआ प्रदूषण है. नासा के मुताबिक, स्पेस डेब्रिस या स्पेस जंक कोई भी नेचुरल या आर्टिफिशियल चीज हो सकती है, जिसे इंसानों ने बनाया है.