अंतरिक्ष में भारत के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो गई. ISRO ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से नेविगेशन सैटेलाइट NVS-01 लॉन्च की...इस सैटेलाइट से सेना, नौसेना को सरहद की निगरानी में बड़ी मदद मिलेगी.
मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट यूनिवर्सिटी के इंजीनियर जियाओमेंग लियू के नेतृत्व वाली एक टीम ने इसपर काम किया है. इसके तहत नम हवा में माइक्रोस्कोपिक वाटर ड्रॉप्लेट्स से उत्पन्न बिजली का उत्पादन किया जा सकता है. इस डिस्कवरी का नाम जेनेरिक एयर-जेन इफेक्ट दिया गया है.
इलेक्ट्रोनिक सामानों में इस्तेमाल होनेवाले लेड को निपटाना करना पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. क्योंकि ये जीवन के लिए बेहद खतरनाक भी है. इसकी जगह अब एक ऐसा लेड फ्री मैटेरियल ले सकता है, जिसका निर्माण भारतीय रिसर्चर्स ने किया है. पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के रिसर्चर्स ने एक ऐसा लेड फ्री मटेरियल तैयार किया है जो बेकार हो रही एनर्जी को बचाएगा. इस एनर्जी को दोबारा उपयोग किया जा सकता है. 2020 में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था और मई 2022 में यह प्रोजेक्ट पूरा हुआ.
Neuralink: एलन मस्क का मानना है कि ब्रेन इंप्लांट चिप से मोटाटा, अवसाद और सिजोफ्रेनिया जैसी कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है. पिछले साल एलन मस्क ने कहा था कि वह किसी दिन न्यूरालिंक के इंप्लांट्स को खुद पर आजमाने की योजना बना रहे हैं.
एक मोटरसाइकिल दुर्घटना की वजह से ओस्कम के कूल्हे के नीचे के शरीर में लकवा मार गया था. लेकिन साइंस के चमत्कार से और उपकरणों के संयोजन से वैज्ञानिकों ने उन्हें फिर से अपने निचले शरीर पर नियंत्रण वापस दिया है. क्या हुआ सुधार
ISRO चीफ सोमनाथ ने कहा कि विज्ञान के मूल सिद्धांत प्राचीन भारत के वेदों से ही निकले हैं. सोमनाथ के मुताबिक, अलजेब्रा, स्क्वायर रूट्स, समय की गणना, आर्किटेक्चर, ब्रह्मांड की संरचना और यहां तक कि एविएशन की जानकारी भी सबसे पहले वेदों में ही मिली थीं. इसके बाद ये सारा ज्ञान अरब के रास्ते होते हुए यूरोप के पश्चिमी देशों में पहुंचा और विदेशी वैज्ञानिकों ने इसे अपनी खोज बताकर दुनिया के सामने पेश किया. ISRO चीफ ने ये बातें उज्जैन में महर्षि पाणिनि संस्कृत और वैदिक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहीं. सोमनाथ ने बताया कि दिक्कत ये थी कि भारतीय वैज्ञानिकों का ये सारा ज्ञान संस्कृत भाषा में था और ये भाषा तब लिखी नहीं जाती थी. लोग एक दूसरे से संस्कृत भाषा में ज्ञान लेते थे और सिर्फ सुनकर ही याद रखते थे, इस तरह ये भाषा बची रही. हालांकि बाद में लोगों ने संस्कृत के लिए देवनागरी लिपि का इस्तेमाल करना शुरू किया, माना जाता है कि पाणिनि ने ही संस्कृत व्याकरण के नियम लिखे. सोमनाथ ने कहा कि संस्कृत में लिखा गया भारतीय साहित्य ना केवल दार्शनिक रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक नजरिए से भी अहमियत रखता है. उन्होंने कहा कि संस्कृत में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक अध्ययन में कोई अंतर नहीं है. ISRO चीफ ने बताया कि हजारों साल पहले भारतीय वैज्ञानिकों ने एस्ट्रोनॉमी, मेडिसिन, फिजिक्स, एरोनॉटिकल साइंस जैसे विषयों पर अपना शोध संस्कृत में लिखा था, जिनका पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं किया गया और न ही उन पर ज्यादा रिसर्च की गई.
Sickle Cell Testing: पुराने मेथड से सिकल सेल टेस्टिंग के नतीजे 3 से 5 दिन में आते थे. लेकिन एआई वाली इस नई सुविधा से सिर्फ 30 मिनट में सिकल सेल टेस्टिंग का रिजल्ट आ जाएगा.
ISRO Mission Launch: NVS-01 नेविगेशन के लिए दूसरी जनरेशन की अपने तरह की पहली सैटेलाइट है. इसका वजन लगभग 2,232 किलोग्राम है, जिसमें स्वदेशी एटॉमिक घड़ी लगाई गई है.
Backpain and Remedies: दुनियाभर में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 2050 तक पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने की संभावना है. यानी आने वाले कुछ साल में ज्यादातर लोग कमर दर्द से परेशान होने वाले हैं.
13 लोगों के हुए ब्रेन स्कैन के अनुसार, पॉजिटिव ह्यूमन साउंड, जैसे हंसी, हमारे दिमाग के ऑडिटरी सिस्टम में मजबूत न्यूरल एक्टिविटी को ट्रिगर करती हैं. ये तब होता है जब उस चीज को बाएं कान से सुना जाता है.
ISRO चंद्रयान-3 को जुलाई 2023 में लॉन्च कर सकता है और इसकी एक संभावित तारीख भी सामने आई है.