
ओपनएआई अब जीपीटी-5 को रिलीज़ करने की तैयारी है. यह मॉडल सभी चैटजीपीटी के यूजर और डेवेलपवर के लिए अवेलेबल रहेगा. ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन जीपीटी-5 को एक बड़ी जंप बताते हैं जीपीटी के पुराने मॉडल्स से.
जीपीटी-5 को लेकर कहा जा रहा है कि यह ज्यादा सटीक जबाव देने में सक्षम है, वो भी तेज़ रफ्तार के साथ. पुराने जीपीटी मॉडल्स को लेकर सैन ऑल्टमैन कहते हैं कि जीपीटी-3 एक हाई स्कूल के छात्र जैसा है, जीपीटी-4 एक कॉलेज के छात्र जैसा, लेकिन जीपीटी-5 के बात करने में आप महसूस करेंगे जैसे आप एक पीएचडी लेवल के एक्सपर्ट के बात कर रहे हों.
क्या खास है जीपीटी-5 में?
सैम ऑल्टमैन कहते हैं कि चैटजीपीटी पर करीब 7000 लाख लोग हर हफ्ते आते हैं. यह आंकड़ा काफी बड़ा आंकड़ा है. लेकिन जीपीटी-5 के आने के बाद यह मॉडल लीडरबोर्ड में टॉप पोजिशन पर होगा. उन्होंने जीपीटी-5 को कोडिंग के मामले में सबसे बेहतर मॉडल बताया, साथ ही राइटिंग, हेल्थ केयर आदि जैसे सेक्टरों में भी इसके प्रदर्शन को सबसे ऊंचा बताया.
क्यों पुराने मॉडल से अलग है जीपीटी-5
जीपीटी-5 की खास बात है कि इसे चैटजीपीटी के अंदर ही एक मॉडल के रूप में रखा गया है, न कि किसी विशेष मॉडल के रूप में. जीपीटी-5 को जब आप कोई प्रॉप्ट देते हैं, तो वह उसे देख खुद ही एक राउटर के साथ जुड़ता है. यह राउटर ओपनएआई द्वारा बनाया गया है. इस मोड में आने के बाद जीपीटी-5 आपके सवाल का जवाब तार्किक तौर पर देता है. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं कि आप जीपीटी-5 राउटर को एक दिन में कितने प्राॉप्ट दे सकेंगे. बता दें कि जीपीटी-5 के तीन वेरियंट मौजूद होंगे. जीपीटी-5, जीपीटी-5 मिनि, जीपीटी-5 नेनो.
कितना सुरक्षित है जीपीटी-5?
जीपीटी-3 की तुलना में जीपीटी-5 ने काफी कम गलत जवाब दिए. लेकिन जवाब गलत थे. इस टेस्ट को करीब 5000 घंटों से ज्यादा देर तक के लिए चलाया गया. लेकिन यहां दिक्कत मॉडल की नहीं बल्कि एलएलएम की है. क्योंकि जो डेटा स्टोर है उसी की मदद से मॉडल सवाल का जवाब दे रहा है.
एजेंट के तौर पर जीपीटी-5 का इस्तेमाल करने पर दिक्कत का सामना करना पड़ा. लेकिन काफी हद तक जीपीटी-5 एजेंट के रूप में ठीक साबित हुआ. जीपीटी-5 एक समय में कई टास्क को एक साथ करने की क्षमता रखता है. जबकि कई ऐसे मॉडल्स मौजूद है जिनका दावा है कि वह टास्क पूरा कर देंगे लेकिन कर नहीं पाते.