
भारतीय स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने दुनिया का सबसे बड़ा 3डी प्रिंटेड रॉकेट इंजन (3D Printed Rocket Engine) बनाकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने इनकोनेल नाम के हाई-पर्फॉर्मेंस सुपरएलॉय 'इनकोनेले' से इसे बनाया है. इनकोनेल को उसकी मज़बूती और गर्मी सहने की उसकी क्षमता के लिए जाना जाता है.
लगभग एक मीटर लंबा यह सफल इंजन, ईंधन प्रवेश से लेकर निकास तक किसी भी वेल्ड, जोड़ या फास्टनर के बिना पूरी तरह से एक एकीकृत घटक के रूप में बनाया गया है.
इस तरह के नवाचार से विनिर्माण जटिलता, उत्पादन समय और संभावित विफलता बिंदुओं में भारी कमी आती है, जिससे अग्निकुल रॉकेटरी में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर आ जाता है. अपनी उपलब्धि को और बढ़ाते हुए, अग्निकुल को इस रॉकेट इंजन के डिजाइन और प्रोडक्शन प्रक्रिया के लिए अमेरिकी पेटेंट मिल गया है.
पेटेंट मिलने का मतलब क्या?
अमेरिका में पेटेंट मिलने का मतलब है कि अग्निकुल को दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रतिस्पर्धी बाज़ारों में से एक में अपने आविष्कार पर विशेष कानूनी अधिकार प्राप्त हो गए हैं. इससे दूसरों को बिना अनुमति के पेटेंट तकनीक बनाने, इस्तेमाल करने या बेचने से रोका जा सकेगा. यह पेटेंट किसी भारतीय मूल के डिज़ाइन के लिए एक दुर्लभ उपलब्धि है, जो वैश्विक अंतरिक्ष तकनीक में इस स्टार्टअप के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है और अगली पीढ़ी के रॉकेट निर्माण क्षेत्र में भारत की स्थिति को मज़बूत करता है.
अग्निकुल ने कैसे बदला गेम?
अग्निकुल कॉसमॉस का यह इंजन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एक बड़ी छलांग का प्रतिनिधि है. इस नई विधि से पहले इंजीनियर्स को रॉकेट इंजन बनाने के लिए पारंपरिक असेंबली प्रक्रियाओं पर निर्भर रहना पड़ता था. अक्सर वेल्डिंग की मुश्किल प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता था और कई हिस्सों को जोड़ने के लिए मशक्कत करनी पड़ती थी. निकेल-क्रोमियम आधारित सुपरअलॉय 'इनकोनेल' का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करता है कि इंजन रॉकेट प्रक्षेपण के दौरान आने वाले अत्यधिक तापमान और दबावों का सामना कर सके. इस इंजन का आकार और जटिलता पहले के मॉडलों से बेहतर है.
सिर्फ यही नहीं, इस तकनीक से इंजन बनाने से समय 60% से भी कम हो जाता है. साथ ही 3डी इंजन का वज़न भी आम इंजन से कम है. इससे रॉकेटों का समग्र प्रदर्शन और लागत-प्रभावशीलता बढ़ जाती है. अग्निकुल का नवाचार इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे उन्नत 3डी प्रिंटिंग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में क्रांति ला रही है, जिससे रॉकेट उत्पादन तेज़, सुरक्षित और अधिक स्केलेबल हो रहा है.
कितना अहम है अमेरिकी पेटेंट?
अग्निकुल कॉसमॉस को मिला अमेरिकी पेटेंट एक महत्वपूर्ण बौद्धिक संपदा उपलब्धि है जिससे उनके डिज़ाइन की मौलिकता और तकनीकी परिष्कार को समझा जा सकता है. यह पेटेंट अत्यधिक प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाज़ार में कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है. इस पर ऐतिहासिक रूप से स्थापित एयरोस्पेस दिग्गजों का दबदबा रहा है.
यह उपलब्धि अत्याधुनिक एयरोस्पेस इनोवेशन के केंद्र के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाती है, जिससे वैश्विक ध्यान और निवेश आकर्षित होने की संभावना है. यह भारतीय स्टार्टअप्स और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच बढ़ते सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है.