Astrology: शादी में आ रही है अड़चन तो बृहस्पति की 3 स्थितियां हो सकती हैं जिम्मेदार, जानें कैसे पाएं समाधान

अगर बार-बार विवाह में अड़चन आती है तो समझ जाइए कि आपका बृहस्पति खराब है. बृहस्पति 3 स्थितियों में होता है तो विवाह में दिक्कत आती है, वैवाहिक जीवन में समस्याएं आती हैं. इन समस्याओं के समाधान के लिए उपाय भी संभव है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

जीवन में सब कुछ हासिल हो जाए, लेकिन बार-बार विवाह में अड़चन आती हो तो ज़िन्दगी में खुशहाली के रंग भी कैसे लगते हैं? माना जाता है कि कुंडली का बृहस्पति विवाह का कारक होता है. जब बृहस्पति विवाह में बाधा दे रहा हो तो वो कौन सा महाउपाय करना चाहिए, जिससे ये समस्या दूर हो जाए.
ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि बृहस्पति की 3 स्थितियां हाथ पीले होने और सेहरा बांधने में बाधा उत्पन्न करती हैं. चलिए बारी-बारी से समझते हैं कि बृहस्पति की वो तीनों स्थितियां कौन सी हैं, जो विवाह में बाधा पैदा करती हैं. जिनकी उपासना से मिलेगा धन, यश और सम्मान, जो विवाह और उत्तम संतान का वरदान देते हैं, जो ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के प्रतीक हैं. चलिए आपको बताते हैं कि वो तीनों स्थितियां क्या हैं?

बृहस्पति की पहली स्थिति, क्या है उपाय?
बृहस्पति की पहली स्थिति नीच का बृहस्पति है. अगर बृहस्पति मकर राशि में हो तो नीच का हो जाता है. ऐसी स्थिति में जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं और विवाह में विलंब होता है. कभी कभी व्यक्ति के अंदर असंतोष का भाव भी आ जाता है. विवाह के बाद शुरू में वैवाहिक तालमेल में भी दिक्कत आती है. स्नान और उपासना जरूर करें. चंदन के सुगंध का नियमित प्रयोग करें. तर्जनी ऊँगली में सोने या पीतल का छल्ला धारण करें. एक हल्दी की गांठ पीले धागे में गले में धारण करें. नीलमय शनि का रत्न बिलकुल धारण न करें.

बृहस्पति की दूसरी स्थिति, कैसे मिले छुटकारा?
बृहस्पति की दूसरी स्थिति गुरु चांडाल योग है. अगर कुंडली में राहु बृहस्पति का योग हो तो इसे गुरु चांडाल योग होता है. व्यक्ति गंभीर नहीं होता, विवाह का समय बीतता चला जाता है. विवाह के बाद भी वैवाहिक जीवन में ईमानदारी नहीं रहती. रोजाना सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें. गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें. मांस, मदिरा आदि का सेवन ना करें. सलाह लेकर एक पन्ना या मोती धारण करें. दाढ़ी और बाल बड़े न रखें.

बृहस्पति की तीसरी स्थिति, कैसे हो समाधान?
बृहस्पति की तीसरी स्थिति सप्तम भाव में बृहस्पति है. बृहस्पति जिस भाव में रहता है, उसका नाश कर देता है. सप्तम स्थान का बृहस्पति विवाह के लिए काफी खराब होता है. विवाह होने में अति विलंब होता है. कभी कभी तो विवाह ही नहीं होता. वैवाहिक जीवन में अहंकार के कारण समस्या पैदा हो जाती है. देर रात तक जगने से बचें. माथे पर या कंठ पर तिलक जरूर लगाएं. गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ जरूर करें. भूलकर भी पीला पुखराज ना पहने। एक उपल अवश्य धारण कर लें.

महिलाओं पर बृहस्पति का प्रभाव-
बृहस्पति का महिलाओं के विवाह पर प्रभाव पड़ता है. अगर बृहस्पति किसी महिला की जन्मपत्री में शुभ स्थिति में नहीं है, तो प्रायः पति अनुकूल नहीं होता है और उसे जीवन भर संघर्ष करना पड़ता है. अगर बृहस्पति आठवें, सप्तम या छठे भाव में हो तो ऐसी महिला का दांपत्य जीवन सुखमय नहीं होता. कुछ ना कुछ कष्ट होता है. विवाह का विलंब होना, पति का दूर स्थान पर चले जाना. ये सारे योग बृहस्पति के छठे, आठवें, बारहवीं भाव में होने से होते हैं.

पुरुषों पर बृहस्पति का प्रभाव-
पुरुषों का विवाह शुक्र पर निर्भर करता है. लेकिन पत्नी के बारे में जानकारी बृहस्पति से ही मिलती है. पत्नी का रंग, रूप, स्वभाव और तालमेल बृहस्पति से जान सकते हैं. सुबह जल्दी उठने की आदत डालें, रोज़ सुबह और शाम 108 बार नमः शिवाय का जाप करें. सात्विक आहार ग्रहण करें और फल वाले वृक्ष लगवाएं. गली में बिना कारण माला ना पहनें. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार अगर सही तरीके से बृहस्पति के उपाय किए जाएं तो आपकी कुंडली में बृहस्पति की दिशा में बहुत जल्दी सुधार आ सकता है. अगर विवाह नहीं हो पा रहा है या फिर वैवाहिक जीवन में सुख नहीं है तो ये उपाय करके अपने दुखों को दूर कर सकते हैं.

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