Astrology: किसी व्यक्ति को क्यों आता है क्रोध, हाथ की रेखाओं से है इसका संबंध, जानिए कैसे 

हथेलियों का रंग काला हो या साफ न हो तो व्यक्ति क्रोधी होता है. मंगल के पर्वत पर क्रॉस या जाल हो तो भी व्यक्ति क्रोधी होता है. हाथ में बीच में या नीचे की और तिल हो तो व्यक्ति क्रोधी होता है. अंगूठा छोटा हो या थोड़ा मोटापन लिए हुए हो तो व्यक्ति को बहुत जल्दी क्रोध आता है.

How to Stay Away from Anger 
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST
  • चंद्रमा कमजोर हो तो मन और वाणी पर नहीं रहता नियंत्रण 
  • अलग-अलग राशियों के प्रभाव से भी आता है क्रोध 

मानव के मन में बहुत सारी कमजोरियां होती हैं, जो उसका स्वभाव बन जाती हैं. मनुष्य की एक बहुत बड़ी कमजोरी क्रोध है. शैलेंद्र पांडेय के मुताबिक क्रोध एक ऐसी बीमारी है, जो आपको लग जाए तो आपको जिंदगी में पतन से कोई नहीं बचा सकता. आइए जानते हैं आखिर क्रोध आता क्यों है? ज्योतिष इसके बारे में क्या कहता है और क्रोध को कम करने के उपाय क्या हैं? 

क्या है क्रोध का कारण 
शैलेंद्र पांडेय के मुताबिक क्रोध सामान्यतः हर व्यक्ति को आता है. क्रोध की वृत्ति होती है, लेकिन कुछ लोगों को जरूरत से ज्यादा गुस्सा आता है. आखिर ज्योतिष में क्रोध के कारण क्या है और किन ग्रहों से क्रोध की स्थिति देखी जा सकती है? चंद्रमा मन का कारक होता है.

आपके मन का सबसे महत्वपूर्ण ग्रह होता है चंद्रमा और इसकी स्थिति देख कर मन को जान सकते हैं. चंद्रमा कमजोर हो तो मन और वाणी पर नियंत्रण नहीं रहता. यदि कमजोर चंद्रमा में अग्नि तत्व के ग्रह आ जाए जैसे मंगल आ जाए, सूर्य आ जाए तो व्यक्ति क्रोधी होता है. मंगल अगर नीच राशि में बैठा हो यानी कर्क राशि में हो या अग्नितत्व की राशि मेष, सिंह, धनु में हो तो व्यक्ति सामान्यतः बहुत क्रोधी होता है. जिन लोगों का जन्म दोपहर के समय का होता है, आम तौर पर फायर की मात्रा उनके जीवन में ज्यादा होती है. ऐसे लोगों को भी काफी क्रोध आ जाता है. 

इन राशि वाले जातकों को आता है ज्यादा क्रोध 
मेष राशि, वृषभ राशि, मिथुन राशि, सिंह राशि, धनु राशि और कुंभ राशि वाले जातकों को आम तौर पर ज्यादा क्रोध आता है.  क्रोध अलग-अलग राशियों के प्रभाव से भी आता है और अलग-अलग ग्रहों की स्थिति की वजह से भी क्रोध आ जाता है. 

...तो व्यक्ति क्रोधी होता है
आपकी कुंडली के अलावा आपके हाथ की रेखाओं को देख करके ये जाना जा सकता है कि आपको कितना क्रोध आता है. अगर हथेलियों का रंग काला हो, हथेलियों का रंग साफ ना हो तो व्यक्ति क्रोधी होता है. मंगल के पर्वत पर यानी अंगूठे के जड़ के पास अगर क्रॉस हो या जाल हो तो भी व्यक्ति क्रोधी होता है. हाथ के बीचों बीच में या नीचे की तरफ अगर तिल हो तो ऐसे लोग भी सामान्यतः क्रोधी होते हैं. अगर अंगूठा छोटा हो या थोड़ा मोटापन लिए हो तो व्यक्ति को बहुत जल्दी क्रोध आता है और ऐसे लोग क्रोध में अपना बहुत नुकसान कर लेते हैं. कुछ लोगों का क्रोध ऐसा होता है जो अपने को भी नुकसान पहुंचाता है और दूसरे को भी नुकसान पहुंचाता है.

कब क्रोध की स्थिति हो जाती ज्यादा खतरनाक 
मंगल अगर बुद्ध की राशि में हो, मंगल अगर मिथुन में हो या कन्या राशि में हो तो क्रोध हिंसा का रूप ले लेता है. मंगल के साथ अगर शनि का या सूर्य का प्रभाव हो तो व्यक्ति क्रोध में मारपीट, झगड़ा, लड़ाई करता है. मंगल मजबूत हो और चंद्रमा कमजोर हो तो ऐसे व्यक्ति क्रोध में अपना नुकसान करते हैं.

जो लोग क्रोध में सामान पटकते हैं, तोड़ते हैं, कपड़ा फाड़ देते हैं, ऐसे लोगों का मंगल एग्रेसिव होता है और चंद्रमा कमजोर होता है. साढ़ेसाती जब उतर रही होती है तो ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति भयंकर क्रोधी होता है. क्रोध की वजह से बहुत हिंसक हो जाता है. अगर राहु का प्रभाव ज्यादा होता है तो क्रोध में अपराध कर देता है, किसी को मार देता है, अंग भंग कर देता है. कोई ऐसा काम कर देता है जो अपराध की श्रेणी में आता है. 

क्रोध को रोकने के उपाय
अगर आपको क्रोध बहुत आता है तो कौन से उपाय करें जिससे क्रोध शांत हो. आपको क्रोध बहुत आता है और क्रोध में अपना और दूसरों का नुकसान करते हैं तो थोड़ा प्रयास करिए क्रोध कम करने के लिए. यदि आप क्रोध से बचना चाहते हैं तो प्याज लहसुन का प्रयोग अपने भोजन में कम से कम करिएगा. हो सके तो कच्चा प्याज और कच्चा लहसुन बिल्कुल मत खाइए. दोपहर के भोजन में दही का प्रयोग जरूर कीजिए.

महीने में दो एकादशियां आती हैं. दोनों एकादशी का उपवास जरूर रखें. सूर्योदय के पहले उठिए, सूर्य को जल अर्पित करिए. स्नान करते समय जल में गुलाब जल मिलाएं और उस जल से स्नान कीजिए. चांदी की एक चैन ले आएं, इसको गंगा जल से धो लें और किसी भी महीने की पूर्णिमा को अपने गले में धारण कर लें और इसको हमेशा पहने रहें. अगर ऐसा करते हैं आप तो आपके क्रोध की स्थिति में सुधार होगा और आपका क्रोध कम होगा.


 

 

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