चांदी को पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्रमा की चमत्कारी धातु माना जाता है. इससे मन को शांति मिलती है. ये नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है. चांदी का छल्ला कनिष्ठा अंगुली में धारण करना सबसे उत्तम है. इससे चन्द्रमा बहुत मजबूत हो जाता है. चलिए आपको चंद्रमा की चमत्कारी धातु चांदी के बारे में बताते हैं.
क्या है चांदी? क्या है इस धातु का महत्व?
चांदी हमारे जीवन में प्रयोग होने वाली एक मुख्य धातु है. चांदी को अत्यंत पवित्र और सात्विक धातु माना जाता है. मानते हैं कि इसका उद्भव भगवान शंकर के नेत्रों से हुआ था. यह ज्योतिष में चन्द्रमा और शुक्र से सम्बन्ध रखती है. यह शरीर के जल तत्व और कफ़ धातु को नियंत्रित करती है. चांदी मध्यम मूल्यवान होने के कारण ज्यादा प्रयोग भी की जाती है.
कैसे चांदी हमारे शरीर और ग्रहों पर असर डालती है?
चांदी के प्रयोग से मन मजबूत होता है. इसके साथ ही साथ दिमाग तेज हो जाता है. यह चन्द्रमा की समस्याओं को शांत कर देती है. यह शुक्र को मजबूत करके मन को प्रसन्न रखती है. यह शरीर में जमा विष को निकालकर त्वचा को कांतिवान बना देती है.
कैसे करें चांदी का प्रयोग?
चांदी का छल्ला कनिष्ठा अंगुली में धारण करना सबसे उत्तम है. इससे चन्द्रमा बहुत मजबूत हो जाता है. मन का संतुलन अच्छा हो जाता है. चांदी की चेन भी गले में पहन सकते हैं. इससे वाणी शुद्ध हो जाती है, साथ ही हार्मोन्स संतुलित होते हैं. चांदी का कड़ा धारण करने से कफ, वात और पित्त नियंत्रित होते हैं. चांदी के गिलास में जल पीने से सर्दी जुकाम की समस्या बेहतर होती है. चांदी की कटोरी या चम्मच से शहद का सेवन शरीर को विषमुक्त करता है.
ये भी पढ़ें: