पैसे कमाने के साथ उसको बचाना भी बहुत जरूरी होता है. यदि आप पैसे बचाएंगे नहीं तो कितना भी कमाएं आर्थिक तंगी में ही रहेंगे. कई बार व्यक्ति चाह कर भी धन की बचत नहीं कर पाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक धन की बचत का सीधा संबंध ग्रहों से होता है.
कुंडली का छठवां भाव मुख्य रूप से धन की बचत से संबंध रखता है. इसके अलावा कुंडली का ग्यारहवां भाव आय को नियंत्रित करता है. ऐसे में इस भाव को भी बचत के लिए देखना चाहिए. धन का आय-व्यय बुध से नियंत्रित होता है, इसलिए बुध की स्थिति काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. शुक्र, बृहस्पति और मंगल की स्थिति भी देख लें, तभी पूरी तरह से बचत का आकलन कर पाएंगे.
कब धन की बचत नहीं हो पाती
1. कुंडली में बुध के कमजोर होने पर.
2. शुक्र की बहुत ज्यादा प्रधानता होने पर.
3. कुंडली में छठवें भाव के स्वामी के खराब होने पर.
4. वायु तत्व के मजबूत होने पर.
5. घर में सही स्थान पर धन न रखने पर.
6. गलत रूप से पन्ना या पुखराज पहन लेने पर.
कब व्यक्ति कर पाता है सरलता से धन की बचत
1. बुध या बृहस्पति के मजबूत होने पर.
2. शनि के धन भाव के निकट होने पर.
3. कुंडली में पृथ्वी तत्व की प्रधानता होने पर.
4. घर में रसोई और तिजोरी ठीक रखने पर.
5. धन के कुछ अंश का नियमित दान करने पर.
धन की बचत के लिए क्या करें
1. सलाह लेकर एक पन्ना या पुखराज धारण करें.
2. रसोई घर को साफ-सुथरा रखें.
3. उत्तर या पूर्व की ओर खुलने वाली आलमारी में धन रखें.
4. पीले कपड़े में हल्दी बांधकर रसोई में रख दें.
5. शनिवार को निर्धन को सिक्कों का दान करें.