अरुण ग्रह, जो नई खोज और परिवर्तन के कारक हैं, और शनि ग्रह, जो कर्म के प्रधान देवता हैं, उनके बीच त्रि-एकादश योग बना है. यह योग स्पष्ट रूप से संकेत दे रहा है कि "कुछ नया, कुछ बड़ा, कुछ क्रांतिकारी, कुछ बगावत से जुड़ा हुआ होने की पूरी पूरी संभावनाओं अब बनेंगी". इस योग के कारण विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी प्रगति होने की उम्मीद है. राजनीति में भी बड़े और क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेंगे, जिसमें सत्ता परिवर्तन और जनता के शासन की ओर झुकाव शामिल है. बुध ग्रह के मार्गी होने से करियर, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यवसाय और धन संबंधी मामलों में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन आएंगे. मेष, वृषभ और मिथुन राशि के जातकों के लिए यह समय विशेष रूप से अनुकूल रहेगा, जिससे उनके सुख, धन और पराक्रम में वृद्धि होगी. धार्मिक नेताओं के कर्मों पर भी इस योग का प्रभाव पड़ेगा, जैसा कि चीन और थाईलैंड में शीर्ष भिक्षुओं के साथ हुई घटनाओं से पता चलता है. यह स्थिति लगभग दो साल तक प्रभावी रहेगी, और 2026 के अंत तथा 2027 में इसका प्रभाव और अधिक मजबूत होगा.