गणपति महोत्सव के दौरान भगवान गणेश को पीले फूल अर्पित करने का विशेष महत्व बताया गया है. नियमित रूप से पीले फूल, जैसे एक या दो फूल, या पीले फूलों की माला चढ़ाने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही, 108 बार "वक्रतुण्डाय हूँ वक्रतुण्डाय हूँ" मंत्र का जप करने का विधान है. यह उपाय जीवन में आने वाले उतार-चढ़ावों से बचने में सहायक होता है. जो बाधाएं लंबे समय से चली आ रही हैं, वे इस विधि से दूर हो सकती हैं. यह प्रक्रिया गणपति महोत्सव के दिनों में जितनी बार संभव हो, उतनी बार करने का सुझाव दिया गया है. यह धार्मिक अनुष्ठान व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और शांति लाने में मदद करता है. इस उपाय को करने से व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं, जिससे जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है. यह एक सरल और प्रभावी तरीका है जिससे भक्त अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं.