ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं. यदि कुंडली में बृहस्पति अनुकूल न हों, तो वे गंभीर बीमारियां प्रदान कर सकते हैं. इनमें कैंसर, हेपेटाइटिस (लिवर की गंभीर बीमारी), पेट की गंभीर बीमारियां, फैटी लिवर, डायबिटीज और अनियंत्रित मोटापा शामिल हैं. आमतौर पर बृहस्पति छोटी-मोटी बीमारियां नहीं देते, बल्कि जब भी देते हैं, तो बड़ी और भयंकर बीमारियां देते हैं. यदि कुंडली में बृहस्पति छठे स्थान पर हों, तो कैंसर की संभावना बन सकती है. यदि बृहस्पति कुंडली में वक्री हों, तो डायबिटीज, लिवर की समस्या और मोटापे में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है.