यह ग्रहण किसी के लिए शुभ नहीं होता है. यह ग्रहण विशेष रूप से पूर्व भाद्रपद नक्षत्र और शनि की राशि कुंभ पर अधिक प्रभाव डालेगा. कुंभ राशि पर ग्रहण पड़ने से विशेष पीड़ा हो सकती है. ग्रहण काल में चंद्रमा पीड़ित होता है, जो मन, मनोबल और मानसिकता का कारक है. यदि कुंडली में चंद्रमा पीड़ित है, तो व्यक्ति मानसिक रूप से प्रभावित हो सकता है. "सबसे बड़ी हार और जीत है कहां अपने मन के अंदर" इस दौरान मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है. ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप सभी ग्रहों की शांति और दुष्परिणामों से बचने में सहायक है. ग्रहण काल में एक माला जाप भी पूरे जीवन के जाप के बराबर फल देता है. ग्रहण के बाद अन्न, दूध, मिठाई, पेठा, दही, पुस्तक, फल, चावल, दालें, सफेद मिठाई, जल, सात अनाज, चंदन, चने की दाल, मुरब्बा और सिक्के जैसी वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है. मेष राशि वालों को धन लाभ, वृषभ को शारीरिक रोग, मिथुन को संतान चिंता, कर्क को शत्रु भय, सिंह और कुंभ को वैवाहिक समस्या, कन्या को गुप्त रोग, तुला को खर्च, मकर को धन हानि और मीन को धन संबंधी सावधानी बरतनी चाहिए. वृश्चिक और धनु राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ फलदायी है. ग्रहण के दौरान बाहर निकलने से बचें.