ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को एक नाजुक और सुकुमार ग्रह माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में बुध प्रधान होता है, उन्हें बीमारियां जल्दी पकड़ती हैं. बुध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करता है. यदि बुध कमजोर हो तो संक्रमण से फैलने वाली बीमारियां, एलर्जी, सर्दी-जुकाम और त्वचा संबंधी समस्याएं तेजी से घेर लेती हैं. कान, नाक और गले से जुड़ी बीमारियों का सीधा संबंध बुध से है. जो लोग सुनने या बोलने में असमर्थ होते हैं, उनकी कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती.