अरुण ग्रह, जिसे पश्चिमी ज्योतिष ने 1781 में खोजा था, अब भारतीय ज्योतिष में भी प्रयोग किया जाता है. इसे सूर्य का सारथी और सूर्य की पहली किरण कहा गया है. अरुण और शनि दोनों को क्रांतिकारी और विद्रोही ग्रह माना गया है. इन ग्रहों की त्रि एकादश स्थिति उपचय भाव का संकेत देती है, जिसका अर्थ वृद्धि और उन्नति है. इनके प्रभाव से नैतिकता और सत्ता की सीमाएं टूटेंगी, जिससे सत्ता में उथल-पुथल की संभावना है. कर्क, वृषभ, वृश्चिक और मीन राशियों को विशेष लाभ मिलने वाला है. वृषभ राशि वालों को नौकरी, व्यापार और लेखन में लाभ होगा, साथ ही अचानक धन प्राप्ति के योग बनेंगे. वृश्चिक राशि वालों का व्यापार बढ़ेगा और सार्वजनिक कार्य पूर्ण होंगे.