Stock Market: दुबई में तेजस में लगी आग की आंच पहुंची आज शेयर मार्केट तक, डिफेंस सेक्टर के शेयरों में दिखी 9 फीसदी की गिरावट

तेजस में लगी आग की आंच सोमवार को डिफेंस सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) तक पहुंच गई. आज शेयर मार्केट में इस कंपनी के शेयरों में 9 फीसदी की गिरावट आई

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

दुबई में हुए एयर शो के दौरान लड़ाकू विमान तेजस में लगी आग की आंच सोमवार को डिफेंस सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) तक पहुंच गई. आज शेयर मार्केट में इस कंपनी के शेयरों में 9 फीसदी की गिरावट आई. इस हादसे ने एचएएल के शेयरों को तोड़ दिया और आज इंट्रा-डे में यह 8.48% टूटकर ₹4205.25 तक आ गया. निचले स्तर पर खरीदारी से शेयरों ने संभलने की कोशिश तो जरूरी की लेकिन अब भी यह काफी दबाव में हैं. बीएसई पर यह 3.55% की गिरावट के साथ ₹4431.85 पर है. 

तेजस का लड़ाकू जहाज शुक्रवार को दोपहर में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों के साामने युद्धाभ्यास करते हुए हादसे का शिकार हो गया. घटना का वो वीडियो बाद में वायरल हो गया. उसमें तेजस का सिंगल-सीट वाला हल्का लड़ाकू विमान जमीन पर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है और तुरंत ही आग की लपटें उठने लगी हैं. भारतीय वायुसेना ने एक बयान में दुर्घटना में पायलट की मौत की पुष्टि की है. इंडियन एयर फोर्स ने जान-मान के इस नुकसान पर गहरा दुख जताया है और पायलट के परिवार के साथ गहरी संवेदना जताई है. साथ ही वायु सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बनाने की भी बात कही है.

HAL की वैल्यूएशन रहेगी बरकरार
विभावंगल अनुकूलकारा के फाउंडर और एमडी सिद्धार्थ मौर्य का कहना है कि दुबई एयर शो में तेजस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से एचएएल के शेयरों पर दबाव दिख सकता है. लेकिन लॉन्ग-टर्म वैल्यूशन पर अधिक असर नहीं पड़ेगा. उनका मानना है कि जब तक कोई स्ट्रक्चरल खामी सामने नहीं आती है, इस प्रकार की घटनाओं से लॉन्ग टर्म के वैल्यूएशन पर अधिक असर नहीं दिखता है. HAL के पास अभी भी एक मजबूत ऑर्डर बुक है, जिसमें तेजस के बड़े ऑर्डर शामिल हैं और उनका मानना है कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो गिरावट लॉन्ग-टर्म के निवेश के लिए मौका है.

लॉन्ग टर्म के लिए शेयर हैं सेफ
वहीं INVasset PMS के हर्षल दासानी का कहना कि वैश्विक मंच पर तेजस के दुर्घटनाग्रस्त होने से स्वाभाविक रूप से विश्वसनीयता, निर्यात तैयारी और सुरक्षा पर सवाल उठते हैं. उनका कहना है कि सरकार ने तेल रिसाव से जुड़ी चिंताओं को खारिज किया था लेकिन दुबई में हुए हादसे से HAL पर निगरानी बढ़ जाएगी. हालांकि शेयरों को लेकर उनका कहना है कि लॉन्ग टर्म में अधिक असर नहीं दिखेगा लेकिन हाई वैल्यूशन के चलते शॉर्ट टर्म में दबाव दिख सकता है. उनका मानना है कि अब फिलहाल सब कुछ जांच के नतीजे और टेक्निकल लेवल पर स्पष्टता को लेकर कंपनी की स्पीड पर निर्भर करेगी.

 

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