मुरादाबाद: 100 साल से ज्यादा पुराना है यहां का पीतल कारोबार

हाल ही में आयरन शीट मेटलवायर, एल्यूमिनियम आर्टवर्क और ग्लासवेयर जैसे अन्य उत्पादों को विदेशी खरीदारों की जरूरत के अनुसार भी शामिल किया गया है. मुरादाबाद से कई करोड़ में मेन्था भी निर्यात किया जाता है. ये उत्पाद विदेशी बाजार में बहुत लोकप्रिय हैं और हर साल हजारों करोड़ में निर्यात किए जा रहे हैं. 

moradabad brass industry
वरुण सिन्हा
  • मुरादाबाद,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:00 PM IST
  • पीतल के साथ अब स्टील के बर्तनों की दुनियाभर में है डिमांड
  • आपके घर में मौजूद ब्रास या हैंडीक्राफ्ट के आइटम कैसे बनते हैं, जान‍िए

उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद पीतल नगरी के तौर पर देश दुन‍िया में मशहूर है. कहा जाता है क‍ि 1600 में मुगल सम्राट शाहजहां के पुत्र मुराद ने इस शहर की स्थापना की थी. इस वजह से यह शहर मुरादाबाद के रूप में जाना जाने लगा. यहां के पीतल उद्योग का इत‍िहास 100 साल से भी ज्यादा का है. मुरादाबाद की हर गली में आपको इस उद्योग से जुड़े लोग मिल जाएंगे. कहते हैं एक समय और आज भी यहां रोजगार का मतलब हैंडीक्राफ्ट ही है. तो चलिए थोड़ा समझ लीजिए कि कैसे बनते हैं मुरादाबाद में बर्तन और ब्रास के डेकोरेटिव आइटम्स... 

पश्च‍िमी उत्तर प्रदेश के शहर मुरादाबाद में बनाए गए आधुनिक, आकर्षक, और कलात्मक पीतल के बर्तन, गहने और ट्राफियां मुख्य शिल्प हैं. यहां पीतल के सामान बनाने का पहला कारखाना 1915 में लगा था. साल 1980 से 2000 तक मुरादाबाद का पीतल उद्योग की चमक पूरी दुनिया में थी. कहते हैं उस दौर में पीतल का कारोबार केवल यहीं होता था पर अब वक्त के साथ ये अलीगढ़ की तरफ शिफ्ट हुआ है. इसके साथ ही पीतल के दाम बढ़ने के साथ कारोबारियों ने स्टील, और वुड पर भी हाथ आजमाना शुरू कर दिया.

मुरादाबाद में एक्सपोर्टर रचित जैन कहते हैं, अब आपको यहां शहर में हर तरह का काम ब्रास का मिलेगा. साथ ही वही काम स्टील में भी आप देख सकते हैं. सबसे पहले ब्रास या स्टील के रॉ मैटेरियल की कटिंग की जाती है. इसके बाद उसको मशीन के हिसाब से डिज़ाइन को भी उसके हिसाब बनाया जाता है.

नए जमाने के साथ चलना है तो पुराने मिजाज को छोड़ना पड़ेगा ही इसलिए इस शहर ने पीतल कारोबार की अपनी बुलंदियों के दौर को भुलाते हुए अब नए हैंडीक्राफ्ट आइटम्स पर फोकस करना शुरू कर दिया है. यहां बनाए जाने वाले आकर्षक पीतल के बर्तन अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व एशिया के देशों को निर्यात किए जाते हैं. 

 

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