कर्नाटक के बेल्लारे गांव के किसान परिवार में जन्मे सत्य शंकर का बचपन संघर्षों से भरा रहा. परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्होंने कम उम्र में ही मेहनत का रास्ता चुना. 1984 में, जब वे सिर्फ 18 साल के थे, उन्होंने बैंक से लोन लेकर एक ऑटो रिक्शा खरीदा और बेंगलुरु की सड़कों पर चलाना शुरू किया.
ड्राइवर से व्यापारी बनने तक का सफर
सिर्फ एक साल में उन्होंने पूरा कर्ज चुका दिया और इसके बाद एंबेसडर कार खरीद ली. लेकिन ड्राइविंग तक ही सीमित रहने से संतुष्ट न होकर, 1987 में उन्होंने प्रवीण ऑटोमोबाइल नाम से ऑटो स्पेयर पार्ट्स का कारोबार शुरू किया. 1989 में प्रवीण टायर्स और 1994 में प्रवीण कैपिटल की शुरुआत की. यह फाइनेंस कंपनी सेकंड-हैंड और नए वाहनों पर छोटे ब्याज पर लोन देने के लिए जानी गई. आज प्रवीण कैपिटल SG ग्रुप की आय में 240 करोड़ रुपये का योगदान करती है.
एसजी ग्रुप की नींव
2001 में सत्य शंकर ने 35 लाख रुपये से एसजी कॉरपोरेट्स की स्थापना की. 2006 में कंपनी का टर्नओवर 6 करोड़ और 2010 में 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. आज SG ग्रुप के पास 55 से अधिक प्रोडक्ट्स हैं- जिनमें ड्रिंक्स से लेकर स्नैक्स तक शामिल हैं.
बिंदु ब्रांड और जीरा मसाला सोडा का जन्म
साल 2000 में उन्होंने बिंदु पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर लॉन्च किया और कर्नाटक के पुत्तूर में फैक्ट्री लगाई. 2002 में उत्तर भारत यात्रा के दौरान उन्हें बिंदु फिज जीरा मसाला सोडा का आइडिया आया. शुरुआत में इसे ज्यादा पसंद नहीं किया गया, लेकिन धीरे-धीरे यह SG ग्रुप का फ्लैगशिप प्रोडक्ट बन गया और विदेशों तक पहुंच गया.
विस्तार और नए ब्रांड
1992 में सत्य शंकर ने रंजीता शंकर से शादी की. वे न सिर्फ परिवार की देखभाल करती हैं, बल्कि द हाउस ऑफ बिंदु की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी हैं. उनकी बेटियां मेघा और महिमा तथा बेटा मानसविथ भी बिजनेस में शामिल हैं.
आज उनकी कंपनी 530 करोड़ रुपये की है. उनके पास करीब 11 करोड़ रुपये की Rolls Royce Phantom VIII कार भी है, जो खासतौर पर उनके लिए तैयार की गई है.
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