Income Tax Refund: आपने भर दिया है ITR... आपके बैंक खाते में जल्दी आएगा रिफंड का पैसा या देरी से... CA से जानें ये कैसे होता है तय?

ITR Filing: आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया है और अभी तक रिफंड का पैसा आपके बैंक खाते में नहीं आया है तो चिंतित न हों. हम सीए से जानेंगे कि क्यों रिफंड का पैसा कभी जल्दी आ जाता है तो कई बार देरी से आता है. रिफंड का पैसा अटकने पर क्या करना चाहिए?

Income Tax Refund
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST
  • ITR दाखिल करने का बाद ई-वेरिफिकेशन है जरूरी 
  • करदाता के खाता में औसतन 10 दिन में आता है रिफंड

टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर (ITR) फाइल करना शुरू कर दिया है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर भरने की डेडलाइन 15 सितंबर 2025 है. यदि आपने आईटीआर दाखिल कर दिया है और अभी तक रिफंड (Refund) का पैसा आपके बैंक खाता में नहीं आया है, तो इस देरी का क्या कारण हो सकता है. क्यों किसी को आईटीआर भरने के बाद भी जल्दी तो किसी को देरी से रिफंड मिलता है. ITR दाखिल करने के बाद कैसे रिफंड प्रोसेस होता है?. आइए इन सवालों का जवाब चार्टर्ड अकाउंटेंट राकेश कुमार सिंह से जानते हैं. सबसे पहले जानते हैं क्या होता है रिफंड?

क्या होता है रिफंड
सीए राकेश कुमार सिंह के मुताबिक किसी भी करदाता को हर फाइनेंसियल ईयर में एडवांस इनकम टैक्स जमा कराना होता है. एडवांस में जितना टैक्स टैक्सपेयर ने जमा किया है और उस साल की इनकम पर जितना टैक्स बनता है, उसका हिसाब इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर में होता है. यदि आपने देय राशि से ज्यादा पैसा पहले ही जमा कर दिया है तो अतिरिक्त राशि ब्याज के साथ वापस कर दी जाती है. इसे ही रिफंड कहा जाता है.

कितने दिनों में मिलता है रिफंड 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बताया था कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से रिफंड प्रोसेस में लगने वाला समय अब काफी कम हो गया है. पहले जहां रिफंड जारी करने में औसतन 93 दिन लगते थे, वहीं अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट औसतन 10 दिन में रिफंड प्रोसेस कर रहा है. हालांकि उस समय वित्त मंत्री ने बताया था कि हर आईटीआर 10 दिन में प्रोसेस नहीं होता. 10 दिन का समय एक एवरेज टाइम है, गारंटी नहीं. टैक्स एक्सपर्ट्स कहते हैं किसी को औसत समय से पहले भी रिफंड मिल सकता है.

रिफंड मिलने में देरी के ये हैं मुख्य कारण 
1. ITR फॉर्म का चुनाव
2. ITR का ई-वेरिफिकेशन न करना
3. गलत बैंक अकाउंट
4. बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट न होना
5. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जवाब न देना
6. आउटस्टैंडिंग डिमांड
7. रिटर्न अंडर स्क्रूटनी
8. फॉर्म 26AS में मिसमैच
9. रिटर्न फाइल करने की तारीख

ITR फॉर्म का चुनाव
रिफंड मिलने में देरी के कई कारण हैं. इसमें एक कारण आपके द्वारा भरा गया आईटीआर फॉर्म है. आयकर विभाग के लिए जिस फॉर्म को प्रोसेस करना जितना आसान होता है, उसका रिफंड उतना ही जल्दी आता है. यदि आपने आईटीआर-1 फॉर्म फाइल किया है तो आपके रिफंड को सबसे पहले प्रोसेस किया जाता है क्योंकि इसमें बहुत कम कॉम्‍प्‍लीकेशंस होते हैं. ITR-2, ITR-3 व अन्य आईटीआर फॉर्म भरने वालों के रिफंड मिलने में देरी हो सकती है क्योंकि इनमें कैपिटल गेन और बिजनेस इनकम जैसी जटिल जानकारियां होती हैं, जिनकी स्क्रूटनी में समय लगता है.

ITR का ई-वेरिफिकेशन न कराना
आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के अंदर ई-वेरिफाई करना जरूरी होता है. ई-वेरिफाई करने के बाद ही आयकर विभाग आगे का प्रोसेस शुरू करता है. यदि आप आईटीआर भरने के बाद वेरिफिकेशन में देरी करते हैं, तो रिफंड भी आपके बैंक खाता में देरी से आएगा. ऐसे में आईटीआर को वेरिफाई जरूर करें.

गलत बैंक अकाउंट
बैंक अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों के गलत होने पर रिफंड नहीं मिलता है. यदि आपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट नहीं की है तो आपका रिफंड अटक सकता है. www.incometax.gov.in पर जाकर बैंक डिटेल को घर बैठे ही अपडेट कर सकते हैं.

बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट न होना 
जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है, उस बैंक खाते को प्री-वैलिडेट कराना जरूरी है. आयकरदाता को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद रिफंड इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए मिलता है. यदि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट नहीं होगा तो रिफंड रुक सकता है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जवाब न देना
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई बार रिटर्न दाखिल करने के बाद टैक्सपेयर से कुछ जानकारियां मांग लेता है. यदि जानकारियों को न बताने पर आपका रिफंड रूक सकता है. 

आउटस्टैंडिंग डिमांड
पिछले फाइनेंशियल ईयर का कुछ बकाया है तो आपके इनकम टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है. ऐसे मामलों में करदाता के रिफंड का इस्तेमाल उन बकाया अमाउंट को सैटल करने के लिए किया जाता है. इसकी जानकारी इंटीमेशन नोटिस के जरिए दी जाती है.

रिटर्न अंडर स्क्रूटनी
आयकर विभाग एक्यूरेसी और कंप्लायंस को वेरीफाई करने के कुछ रिटर्न की स्क्रूटनी यानी जांच कर सकता है. यदि आपका रिटर्न जांच के दायरे में है तो असेसमेंट पूरा होने तक आपके रिफंड में देरी हो सकती है.

फॉर्म 26AS में मिसमैच
यदि आपके रिटर्न में TDS डिटेल और फॉर्म 26AS में मिसमैच है तो इसकी वजह से भी रिफंड मिलने में देरी हो सकती है.

डेडलाइन के पास रिटर्न फाइल करना
आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन से पहले जो लोग ITR भर देते हैं, उनको रिफंड जल्दी मिलने की की संभावना होती है. आखिरी दिनों में फाइल करने पर सर्वर पर लोड बढ़ जाता है, जिससे प्रोसेसिंग में देरी होती है.

रिफंड मिलने में देरी होने पर क्या करें
1. रिफंड मिलने में देरी होने पर सबसे पहले आपना ई-मेल जांचे. इस पर देखें कि कहीं आयकर विभाग रिफंड या किसी तरह की कोई नोटिस तो नहीं भेजा है.
2. यदि आईटीआर स्टेटस में रिफंड क्लेम खारिज हो गया है तो रिफंड दोबारा जारी करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं.
3. यदि क्लेम पेंडिंग है तो ई-फाइलिंग पोर्टल/आकलन अधिकारी से संपर्क कर इसके शीघ्र निपटारे के लिए अनुरोध कर सकते हैं.
4. आप आयकर विभाग की हेल्पलाइन 1800-103-4455 पर कॉल करके या उन्हें ask@incometax.gov.in पर ईमेल करके उनसे संपर्क कर सकते हैं.
5. रिफंड की स्थिति के बारे में सीधे पूछताछ करने के लिए स्थानीय इनकम टैक्स ऑफिस जा सकते हैं.
6. आप बेंगलुरु में सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) से भी सीधे संपर्क कर सकते हैं.

कैसे चेक करें अपना रिफंड स्टेटस 
1. www.incometax.gov.in की वेबसाइट पर जाएं.
2. अपना पैन और पासवर्ड के जरिए वेबसाइट पर लॉग-इन करें.
3. ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करने के बाद 'ई-फाइल टैब' पर जाएं.
4. व्यू फाइल्ड रिटर्न का ऑप्शन सेलेक्ट करें.
5. यहां फाइल किए गए सभी रिटर्न की डिटेल नजर आएगी.
6. करेंट स्टेटस देखने के लिए व्यू डिटेल के ऑप्शन पर क्लिक करें.
7. इसके बाद आपकी स्क्रीन पर ITR फाइल का स्टेटस नजर आने लगेगा.
8. यदि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से रिफंड भेज दिया गया है तो आपको उसकी डिटेल वहां नजर आ जाएगी.
9. आपको मोड ऑफ पेमेंट, रिफंड अमाउंट और डेट ऑफ क्लीयरेंस जैसी जानकारी भी वहां दिखाई देगी.

ऐसे भी चेक कर सकते हैं रिफंड स्टेटस 
1. NSDL की वेबसाइट पर जाएं.
2. अपनी पैन डिटेल के साथ Assessment year और कैपचा कोड दर्ज करें.
3. स्टेटस देखने के लिए Proceed' बटन पर क्लिक करें. 
4. इसके बाद आपका रिफंड स्टेटस स्क्रीन पर दिखाई दे जाएगा.

 

Read more!

RECOMMENDED