भारत काफी समय से सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रहा है. सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में अमेरिका का योगदान 12% है, जबकि 80% सेमीकंडक्टर एशिया के देशों में तैयार होते हैं और अब इसमें और इजाफा होने जा रहा है. दरअसल भारत के वेदांता लिमिटेड और ताइवानी फॉक्सकॉन संयुक्त रूप से अहमदाबाद के गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्लांट की शुरुआत करने जा रहे हैं. इसकी जानकारी राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को दी है.
भारत में बनेगा सेमीकंडक्टर
पिछले सितंबर में ही वेदांत-फॉक्सकॉन जेवी ने भारत में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने के लिए 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था.आजाद भारत में ये देश का सबसे बड़ा पहला कॉरपोरेट इंवेस्टमेंट है.
इस निवेश से करीब एक लाख लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है. यानी अब दुनियाभर भारत में बने सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कर सकेगी. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल स्मार्टफोन, टीवी और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में किया जाता है. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात में प्लांट स्थापित करने में उनकी सरकार सुविधा और सहयोग प्रदान करेगी.
धोलेरा SIR में लगेगा प्लांट
एक राज्य अधिकारी ने कहा,“गुजरात सरकार के अधिकारियों के परामर्श से एक विस्तृत साइट विश्लेषण के बाद वेदांता और फॉक्सकॉन की संयुक्त उद्यम इकाई ने अपनी सेमीकंडक्टर और प्रदर्शन निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए धोलेरा एसआईआर (Dholera SIR) का चयन किया है. परियोजना भारत सरकार द्वारा मूल्यांकन के उन्नत चरण में है.”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विधानसभा चुनाव से पहले नवंबर में भावनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए स्पष्ट संकेत दिया था कि अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर धोलेरा एसआईआर में मेगा सेमीकंडक्टर प्लांट लगाया जाएगा.
1,54,000 करोड़ का किया गया निवेश
गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने पर देश में राजनीतिक हंगामा हुआ क्योंकि परियोजना के लिए महाराष्ट्र पहली पसंद था. यह घोषणा उस समय भी हुई जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सदस्यों के गठबंधन छोड़ने के बाद महा विकास अघडी सरकार गिर गई. उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने नुकसान को लेकर तत्कालीन नवगठित शिंदे-फडणवीस सरकार पर जमकर निशाना साधा था. रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में गांधीनगर में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा था कि दोनों कंपनियां राज्य में सुविधा स्थापित करने के लिए 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी और परियोजना एक लाख रोजगार के अवसर पैदा करेगी.
पिछले साल जुलाई में हुई थी घोषणा
पिछले साल जुलाई में राज्य सरकार द्वारा घोषित 'गुजरात सेमीकंडक्टर नीति 2022-27' के तहत इस परियोजना को भारी सब्सिडी और प्रोत्साहन मिलने की संभावना है, जैसे भूमि खरीद पर शून्य स्टांप शुल्क और रियायती पानी और बिजली. पॉलिसी के तहत इस प्रोजेक्ट को कुल 75 फीसदी तक की सब्सिडी मिलने वाली है. पहले पांच साल तक प्लांट को 12 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर पानी दिया जाएगा.
सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन सेक्टर के लिए इस तरह की समर्पित नीति रखने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है.इस नीति के तहत पात्र परियोजनाओं को निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए प्रथम 200 एकड़ भूमि की खरीद पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा. पात्र परियोजनाओं को प्रथम पांच वर्षों के लिए 12 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर की दर से अच्छी गुणवत्ता का पानी उपलब्ध कराया जाएगा.नीति के तहत निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने स्टांप शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति करने की भी घोषणा की है, जो निवेशक पहली बार पट्टे, बिक्री या भूमि हस्तांतरण पर जमीन लेने के लिए भुगतान करेंगे.