आज ₹75,000 करोड़ से ज्यादा का वैल्यूएशन रखने वाली कंपनी पेटीएम की शुरुआत इतनी आसान नहीं रही थी. कंपनी के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने हाल ही में अपनी एंटरप्रेन्योरशिप यात्रा से जुड़े कई दिलचस्प किस्से साझा किए. शर्मा ने बताया कि जब हालात बेहद कठिन थे, तब उन्होंने कर्ज चुकाने के लिए कंपनी का 40% हिस्सा मात्र 17,000 डॉलर में बेच दिया. यह हिस्सा बाद में 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा मूल्य का हो गया.
जापान में ‘पे-पे’ की कहानी
हिंदुस्तान टाइम्स में छपि खबर के अनुसार विजय शेखर शर्मा ने यह भी बताया कि पेटीएम ने एक बार गलती से जापान में सबसे बड़ा पेमेंट्स इंजन लॉन्च कर दिया था. इस प्रोजेक्ट का नाम था PayPay. हालांकि बाद में कंपनी को मजबूरन भारत पर ही फोकस करना पड़ा और ग्लोबल विस्तार का सपना अधूरा रह गया. दिसंबर 2024 में पेटीएम ने PayPay में अपनी हिस्सेदारी सॉफ्टबैंक को 279.2 मिलियन डॉलर में बेच दी.
कोक और लेज चिप्स पैकेट्स पर QR कोड
शर्मा ने पेटीएम के सबसे बड़े ग्रोथ हैक का भी खुलासा किया. उन्होंने बताया कि कंपनी ने ग्राहकों को Coca Cola की बोतलों और Lay’s के पैकेट्स पर लगे QR कोड स्कैन करके ₹15 का कैशबैक ऑफर दिया. यह ऑफर इतना लोकप्रिय हुआ कि पेटीएम के लिए यूजर बेस तेजी से बढ़ने का कारण बना. यह ऑफर कई बार चलाया गया और हाल ही में जुलाई 2025 में भी चलाया गया.
निवेशकों और उद्योग की नजरों में
अमेरिका स्थित वेंचर कैपिटल फर्म Menlo Ventures के पार्टनर बने दीदी दास ने शर्मा से मुलाकात के बाद इन कहानियों को सोशल मीडिया पर साझा किया. उन्होंने विजय शेखर शर्मा को “Legendary” और “OG Indian Internet Entrepreneur” करार दिया.
डिमोनेटाइजेशन के बाद बूम
पेटीएम के लिए सबसे बड़ा बदलाव नवंबर 2016 में नोटबंदी के समय आया. इस दौरान कंपनी का ट्रैफिक 435% बढ़ा. ऐप डाउनलोड्स 200% बढ़े. कुल ट्रांजैक्शन और उनकी वैल्यू 250% तक बढ़ गई. इस एक कदम ने पेटीएम को आम जनता के बीच डिजिटल भुगतान का नाम बना दिया.
आज का पेटीएम
2010 में शुरू हुई पेटीएम की मार्केट कैपिटलाइजेशन आज ₹75,321 करोड़ तक पहुंच गई है. कभी कैशबैक ऑफर्स और कठिन फैसलों के जरिए ग्राहकों तक पहुंचने वाली यह कंपनी अब भारत की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनियों में से एक है.