Pension Scheme New Rule: पेंशनर्स के लिए खुशखबरी! 1 अक्टूबर से बदल जाएगा NPS का ये नियम, मिलेगा बड़ा लाभ

NPS में 1 अक्टूबर 2025 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है. NPS के गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स अब अपनी पूरी पेंशन रकम को शेयर बाजार से जुड़ी स्कीम में लगा सकेंगे. इसके अलावा एक से ज्यादा योजनाओं में निवेश कर सकेंगे.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:30 PM IST

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने 1 अक्टूबर 2025 से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है. इससे नॉन-गवर्नमेंट सेक्टर के लोग अपनी रिटायरमेंट सेविंग्स को और बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे. खुद का कारोबार करने वालों और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने वालों को भी फायदा होगा. इस नए नियम को मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) कहा जा रहा है, जो NPS को ज्यादा सरल और हर किसी की जरूरत के हिसाब से बनाएगा. अब तक जहां पेंशन लेने के लिए कई शर्तें और सीमाएं थीं, वहीं अब नई व्यवस्था में लोगों को अधिक लचीलापन और सुविधा मिलेगी.

अलग-अलग योजनाओं में कर सकेंगे निवेश 
1 अक्टूबर 2025 से NPS के गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स अपनी पूरी पेंशन रकम को 100% इक्विटी यानी शेयर बाजार से जुड़ी स्कीम में लगा सकेंगे. अब तक इक्विटी में निवेश की सीमा 75% थी. अब तक एनपीएस में निवेशक केवल एक ही निवेश विकल्प चुन सकते थे. उसमें भी इक्विटी, बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटी का मिश्रण तय अनुपात में होता था, लेकिन अब पेंशन फंड नियामक नई व्यवस्था मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क लागू करेगा. इसके तहत निवेशकों को कई योजनाओं का विकल्प मिलेगा. इसके तहत हर निवेशक अपनी एनपीएस खाता संख्या (प्रान नंबर) से अलग-अलग योजनाओं में  पेंशन की रकम निवेश कर सकेगा. इस बदलाव से एनपीएस सदस्यों को अपने पेंशन फंड में अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा

फंड मैनेजर करेंगे योजना तैयार 
नए नियमों के तहत फंड मैनेजर अब निवेशकों की जरूरत और प्रोफाइल के हिसाब से योजना तैयार कर सकेंगे. स्वरोजगार करने वाले पेशेवर, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने व लोग या कॉर्पोरेट कर्मचारी, जिनके नियोक्ता भी योगदान करते हैं, इन सबके लिए अलग-अलग की योजनाएं बनाई जा सकेंगी. हर योजना की दो श्रेणियां होंगी. मध्यम (मीडियम रिस्क स्कीम) और उच्च जोखिम (हाई रिस्क स्कीम). अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं और जोखिम ले सकते हैं, तो हाई रिस्क स्कीम चुन सकते हैं, जिसमें 100 फीसदी तक इक्विटी में निवेश हो सकता है. यदि आप कम जोखिम चाहते हैं तो मीडियम रिस्क स्कीम को चुन सकते हैं. 

अब इतनी उम्र में भी निकाल सकते हैं पेंशन की रकम 
आपको मालूम हो कि पहले NPS में निवेश की उम्र सीमा 60 साल तक तय थी. इसका मतलब था कि 60 साल की उम्र तक ही पैसा जमा किया जा सकता था लेकिन अब कोई निवेश जारी रखना चाहता है तो वह 60 से 75 साल की उम्र तक भी पैसा जमा कर सकता है. अब सब्सक्राइबर्स चाहें तो 50 या 55 साल की उम्र में ही अपनी पेंशन की रकम निकाल सकते हैं. अब कोई भी व्यक्ति चाहे तो 85 साल की उम्र तक अपनी पेंशन की शुरुआत को टाल सकता है. इससे बुजुर्गों को ज्यादा समय तक पूंजी बढ़ाने का विकल्प मिलेगा.

अब रिटायरमेंट निकाल सकेंगे 80% पैसा
अब तक NPS में रिटायरमेंट के समय जमा राशि का 40% हिस्सा पेंशन योजना में लगाना अनिवार्य था लेकिन नए नियमों के तहत प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को अब सिर्फ 20% हिस्सा ही पेंशन में लगाना होगा. इसक मतलब है कि अब वे अपने पैसे का 80% हिस्सा रिटायरमेंट पर एकमुश्त निकाल सकेंगे. हालंकि सरकारी कर्मचारियों के लिए अभी भी 40% की अनिवार्यता जारी रहेगी. पुराने नियमों में NPS खाते से निवेश की अवधि में सिर्फ तीन बार आंशिक निकासी की जा सकती थी. अब यह सीमा बढ़ाकर छह बार कर दी गई है. अब एक कंसॉलिडेटेड स्टेटमेंट भी मिलेगा, जिसमें हर स्कीम और आपके कुल निवेश की पूरी जानकारी होगी. इससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि आपका पैसा कहां और कितना बढ़ रहा है. 

क्या है एनपीएस 
एनपीएस भारत सरकार का कार्यक्रम है. यह पीएफआरडीए की देखरेख में संचालित होता है. एनपीएस इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियों के अलावा कारपोरेट बॉन्ड जैसी विभिन्न जगहों पर पैसा निवेश करता है. एनपीएस एक लॉन्ग टर्म पेंशन स्कीम है, जो रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि और पेंशन का लाभ देता है. इसके तहत रिटायमेंट पर बड़ा कॉपर्स पैदा किया जा सकता है. कॉपर्स कितना बनेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपने कितना और कितने समय से निवेश किया है.


 

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