फूड ब्रांड कर रही है झूठा या भ्रामक दावा तो FSSAI से ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं लोग

FSSAI ने अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर एक खास लिंक और सेक्शन बनाया है, जहां लोग ऐसी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं.

Check packaging lables to know about ingredients (Photo: Pexels)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

अब अगर किसी खाने के प्रोडक्ट पर कोई झूठा या भ्रामक दावा किया गया है, तो लोग इसकी शिकायत सीधे देश की सबसे बड़ी फूड सेफ्टी एजेंसी – FSSAI (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) से कर सकते हैं. FSSAI ने अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर एक खास लिंक और सेक्शन बनाया है, जहां लोग ऐसी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं. 

शिकायत कैसे करें?
जिस प्रोडक्ट पर शिकायत करनी है, उसकी सामने की फोटो (front label) और पीछे की फोटो (back label) अपलोड करनी होगी. पीछे के लेबल पर जो इन्ग्रेडिएंट्स और पोषण की जानकारी (nutritional info) होती है, वह जरूरी है. आपको प्रोडक्ट का ब्रांड नाम, प्रोडक्ट का नाम, और FSSAI का लाइसेंस नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर (जो आमतौर पर पैक पर FSSAI लोगो के पास लिखा होता है) देना होगा. साथ ही, यह भी बताना होगा कि ब्रांड का कौन-सा दावा भ्रामक है और क्या यह प्रोडक्ट ऑनलाइन भी मिलता है.

बिना नाम बताए भी कर सकते हैं शिकायत
FSSAI के एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह की शिकायत के लिए लोगों को ऐप पर रजिस्टर करने की जरूरत नहीं है. यानी, आप गुमनाम (anonymously) भी शिकायत कर सकते हैं. हालांकि, अन्य शिकायतों के लिए ऐसा नहीं होता है. 

शिकायत के बाद क्या होता है?

  • अगर कंपनी का लाइसेंस राज्य स्तर का है, तो शिकायत उस राज्य की लाइसेंसिंग अथॉरिटी को भेजी जाती है.
  • अगर कंपनी का केंद्रीय लाइसेंस है (जो बड़े ब्रांड्स के पास होता है), तो शिकायत उस राज्य के केंद्रीय लाइसेंस अधिकारी को भेजी जाती है जहां प्रोडक्ट बना है.

FSSAI क्या कार्रवाई करता है?
कंपनी को पहले एक इम्प्रूवमेंट नोटिस (सुधार का नोटिस) दिया जाता है. कंपनी को या तो अपना पैकेजिंग बदलना होता है, या फिर उस दावे के समर्थन में वैज्ञानिक प्रमाण (scientific proof) देना होता है. उदाहरण के लिए, अगर कोई कंपनी कहती है कि उसका बेबी फॉर्मूला हड्डियों को मजबूत करता है, तो उसे उस दावे का साइंटिफिक रिसर्च देना होगा. 

FSSAI की वैज्ञानिक समिति इन दस्तावेजों की जांच करती है. अगर समिति संतुष्ट नहीं होती, तो कंपनी को कुछ समय दिया जाता है पैकेजिंग बदलने के लिए. अगर वे नहीं मानते, तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और लाइसेंस रद्द या सस्पेंड किया जा सकता है.

 

Read more!

RECOMMENDED