दीपावली का त्यौहार आते ही देशभर में रौनक बढ़ जाती है. हर घर में साफ-सफाई, सजावट और दीयों की चमक दिखाई देने लगती है. लेकिन इस बार प्रयागराज की दीपावली कुछ अलग और खास होने जा रही है. यहां के राजरूपपुर की रहने वाली आभा सिंह ने त्योहार को पर्यावरण से जोड़ते हुए एक अनोखी शुरुआत की है. वे शुद्ध गाय के गोबर से दीये, रंगोली, गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां और सजावट के अन्य सामान बना रही हैं.
मिट्टी या प्लास्टर नहीं, शुद्ध गोबर से बनी कलाकृतियां
आभा सिंह द्वारा बनाए गए ये सभी उत्पाद मिट्टी या प्लास्टर ऑफ पेरिस से नहीं बने हैं, बल्कि पूरी तरह शुद्ध गाय के गोबर से तैयार किए गए हैं. ये न केवल पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि बाद में खाद के रूप में प्रकृति को भी पोषण देते हैं.
खाद का काम करते हैं दीए
आभा बताती हैं कि “इन मूर्तियों या दीयों को एक साल बाद फेंकने की जरूरत नहीं होती. बस इन्हें पानी में डाल दीजिए, ये धीरे-धीरे घुलकर मिट्टी में मिल जाते हैं. इस घोल को अगर आप पौधों या पेड़ों में डाल दें तो यह जैविक खाद का काम करता है और पौधे और ज्यादा हरे-भरे हो जाते हैं.”
मुश्किल वक्त में शुरू किया था ये काम
आभा सिंह के जीवन में यह बदलाव कोरोना काल के दौरान आया. उस समय उनके पति का निधन हो गया था. उस कठिन दौर में उन्होंने खुद को संभालने और आत्मनिर्भर बनने के लिए गोबर से उपयोगी वस्तुएं बनाना शुरू किया. शुरुआत में यह महज एक प्रयोग था, लेकिन आज यह उनका व्यवसाय और सशक्तिकरण की मिसाल बन चुका है. अब वे न केवल खुद काम कर रही हैं, बल्कि आसपास की कई महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं.
देशभर में बढ़ रही है मांग
आज आभा सिंह के बनाए गोबर के दीये, मूर्तियां और रंगोली देशभर से मांग में हैं. लोग दूर-दूर से प्रयागराज आकर उनसे यह सामान खरीद रहे हैं. खास बात यह है कि ये उत्पाद सस्ते हैं, सुंदर हैं और प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने वाले हैं. दीपावली जैसे बड़े त्यौहार पर जब प्रदूषण बढ़ जाता है, ऐसे में आभा की यह पहल लोगों को एक बेहतर विकल्प दे रही है.
इको-फ्रेंडली दीपावली की ओर कदम
आभा सिंह का संदेश साफ है, अगर हम थोड़ी सी सोच बदलें तो त्यौहार मनाने का तरीका भी प्रकृति के अनुकूल हो सकता है. वे लोगों से अपील करती हैं कि इस दीपावली पर मिट्टी या प्लास्टिक के दीयों की बजाय गोबर से बने दीये इस्तेमाल करें, ताकि प्रकृति भी खुश रहे और परंपरा भी जीवित रहे.
--पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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