एक जमाने में भारत की सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा मांग वाली सिक्योरिटी कंपनी टॉप्सग्रुप के तेजतर्रार मालिक दीवान राहुल नंदा को ब्रिटेन में दिवालिया घोषित कर दिया गया है. नंदा को रिची के नाम से भी जाना जाता है, जो एक जमाने में मुंबई के पार्टी सर्किट के टोस्ट हुआ करते थे. फिलहाल उनपर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है.
क्या है मामला?
दरअसल 2013 में नंदा की गारंटी पर शील्ड गार्डिंग लिमिटेड को 10 मिलियन पाउंड से ज्यादा का लोन दिया गया था. शील्ड गार्डिंग लिमिटेड ने अप्रैल 2016 में अपना नाम बदलकर जेम्सन एंड हैरिसन सोसाइटी लिमिटेड कर लिया. ब्रिटेन की इस फर्म ने 2016 में दिवालिया होने के लिए अर्जी दी थी. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का दावा है कि नंदा ने दिवालिया घोषित होने के बावजूद अपनी संपत्ति और देनदारियों का ठीक-ठीक ब्यौरा नहीं दिया था.
सोमवार को यूके में इस मामले की सुनवाई हुई. पीएनबी का प्रतिनिधित्व कर रहे विवेक कपूर ने अदालत को बताया कि नंदा अपने सभी बैंक खातों और बयानों का खुलासा करने में विफल रहे हैं. नंदा के वकील पॉल डिप्रे ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल ने बैंक द्वारा मांगी गई सभी सूचनाएं मुहैया कराई थीं. बैंक का कहना है कि उन्हें पैसे वापस नहीं मिले हैं और उन्हें संदेह है कि नंदा के पास और भी छिपी हुई संपत्ति है.
पीएमएलए केस में हो चुके हैं गिरफ्तार
नंदा के स्वामित्व वाली कंपनी टॉप्स ग्रुप को MMRDA से सिक्योरिटी का बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला था. इसमें MMRDA की साइट्स पर कंस्ट्रक्शन पर ध्यान देना था. लेकिन सिक्योरिटी गार्ड्स पेपर पर जितने बताए गए हैं उससे काफी कम हायर किए गए. इससे MMRDA का करोड़ों का नुकसान हुआ और टॉप्स ग्रुप को टेंडर दिलाने वाले शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक समेत दीवान पर भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. ईडी ने नवंबर 2020 में सर्नाइक के ठिकाने पर छापा मारा था. इसी मामले में अरमान जैन से भी पूछताछ हुई थी. नंदा को 2014 में पीएमएलए केस में गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया था.
कम उम्र में ही संभाली कंपनी
दीवान राहुल नंदा का जन्म 3 फरवरी 1971 को हुआ. नंदा ने केवल 16 साल की उम्र में फैमिली रेस्टोरेंट बिजनेस टुटकुक की बागडोर संभाली. 1985 से 1991 तक उन्होंने इस बिजनेस में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की. इसके बाद नंदा ने केवल 22 साल की उम्र में एशिया के सबसे बड़े सर्विस ग्रुप TOPSGRUP की कमान संभाली और इसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया. कंपनी के शुरुआती दिनों में यहां केवल 15 कर्मचारी काम करते थे. कंपनी का हर काम नंदा अकेले देखते थे. धीरे-धीरे पारले जैसी बड़ी कंपनी भी उनकी ग्राहक बन गई. ये नंदा की कार्यकुशलता ही थी कि TOPSGRUP आज भारत का सबसे बड़ा निजी सुरक्षा ग्रुप और यूके का 8वां सबसे बड़ा सिक्योरिटी ग्रुप है.
TOPSGRUP भारत की सबसे पहली इमरजेंसी सर्विस देने वाली कंपनी है. टॉप्स वैश्विक स्तर पर नंबर एक सुरक्षा ब्रांड बनने के साथ-साथ $ 1 बिलियन की कंपनी बन चुकी है. इस दौरान राहुल नंदा माइकल जैक्सन, एंजेलीना जोली जैसे कई बड़े स्टार्स के बॉडीगार्ड रहे. भारत में उनपर खई बार हमले भी हुए इसके बाद वह अपने परिवार के साथ किंघमशायर शिफ्ट हो गए. तब से वे यूके में ही रह रहे हैं.
नंदा सुरक्षा ब्रांड के मामलों में नंबर एक रहे हैं. उनके पास डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी इन मार्शल आर्ट्स (पीएचडी) यूएसए, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) यूएसए, सर्टिफाइड इंटरनेशनल इंवेस्टिगेटर (सीआईआई) यूएसए, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ डिटेक्टिव्स (डब्ल्यूएडी) यूएसए, मास्टर ऑफ मार्शल की डिग्री है.